सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना “सुमन” के तहत गर्भवती व धात्री महिलाओं का रखा जा रहा ख्याल

सासाराम:- मातृ-शिशु दर में कमी लाने के लिए सरकार लगातार नए-नए कार्यक्रम चला रही है और इन कार्यक्रमों से मातृ शिशु दर में कमी में लाभ भी देखा जा रहा है। मिल रहे लाभ को देखते हुए इसे अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्हीं कार्यक्रमों में से एक है “सुमन” । मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर सरकार सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना संचालित कर रही है। जिसके तहत गर्भवती महिलाओं के साथ साथ प्रसव के 6 महीने तक धात्री महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के अलावा 0 से लेकर 6 वर्ष के बच्चों को बेहतर स्वास्थ सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा रहा है। मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के साथ साथ बच्चों को कुपोषित होने से बचाने के लिए प्रसव के पूर्व और प्रसव के बाद मां और शिशुओं को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। उचित देखभाल और सुविधा के अभाव में कई गर्भवती महिलाओं की जान भी चली जाती है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला एवं धात्री महिलाओं को स्वास्थ सेवाएं फ्री में प्रदान किया जा रहा। सुमन योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के 6 माह बाद तक फ्री में स्वास्थ लाभ दिया जा रहा है। सुमन योजना के तहत मिल रही कई सुविधाएं:-गर्भवती महिलाओं के साथ धातृ महिला व शिशु दर में कमी लाने को लेकर केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ धात्री महिलाओं और नवजात शिशुओं को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।            योजना के अंतर्गत आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट कराने की पूरी जिम्मेवारी अस्पताल निभा रही है। इसके अलावा महिला के गर्भावस्था के दौरान किसी प्रकार की जटिलता की स्थिति में सी सेक्शन की फ्री सुविधा प्रदान करना, गर्भावस्था और शिशु के पैदा होने के बाद पूरी देखभाल करना, महिला को घर से अस्पताल तक निशुल्क परिवहन सुविधा प्रदान करना, आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं का प्रसव से पूर्व होने वाली टेस्ट का खर्च वहन करने के अलावे केंद्र सरकार प्रसव नार्मल अथवा ऑपरेशन होने पर अस्पताल के सभी खर्च का भुगतान किया जा रहा है। साथ ही प्रसव के बाद 6 महीने तक बच्चों, महिला के लिए दवाइयों का इंतजाम भी किया गया है। गर्भवती महिला व नवजात की जान बचाना मुख्य मकसद:-डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि अनेकों गर्भवती महिलाएं सुविधाओं के अभाव में अथवा गर्भावस्था के दौरान उचित खान-पान नहीं मिलने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं की जान भी चली जाती है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” योजना की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत गर्भवती महिला के 6 महीने बाद तक निशुल्क स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा रहा है। डीपीसी ने बताया कि इस योजना के तहत अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्सों की निगरानी में महिलाओं का प्रसव कराया जाता है एवं मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा रही है। संजीव मधुकर ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में हो रहे प्रसव को सुरक्षित मातृत्व आश्वासन “सुमन” के तहत विशेष निगरानी एवं सुविधा प्रदान की जा रही है।

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