जिलाधिकारी ने शिक्षा संवाद का दीप जलाकर किया उद्घाटन, बच्चों को दिया नशे से दूर रहने की नसीहत

सहरसा:-जिले में आयोजित शिक्षा संवाद के आखिरी दिन जिलाधिकारी वैभव चौधरी महिषी के थनवार स्थित उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित शिक्षा संवाद में शामिल हुए। जिलाधिकारी का कार्यक्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पाग, चादर व पौधा देकर स्वागत किया।         विद्यालय की छात्राएं स्वागत गीत गाकर जिलाधिकारी का स्वागत की। कार्यक्रम में संवाद की शुरुआत डीपीओ शिक्षा के संबोधन से हुआ। उन्होंने कन्या उत्थान, साईकिल योजना, पोशाक योजना तथ मुफ्त पाठ्य-पुस्तकों की उपलब्धता की जानकारी दी। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से संचालित योजनाओं की जानकारी दी।जिले में कुल 12 संचालित कस्तूरबा विद्यालय की जानकारी दी। विद्यालयों में स्मार्ट, क्लास, आईसीटी लैब तथा लाइब्रेरी की सुविधा की जानकारी दी। मिशन दक्ष तथा निपुण बिहार योजना की जानकारी भी दी गयी। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने अपने संबोधन में बच्चों तथा अभिभावकों को जागरूक होकर योजना का लाभ उठाने पर जोर दिया। जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी ने सभी छात्रों/छात्राओं तथा उनके अभिभावकों को सरकार की योजनाओं से मिल रहे आर्थिक-सामाजिक लाभ का जिक्र किया तथा उन्हें नियमित विद्यालय आने का अनुरोध किया।          जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षा संवाद के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार प्रयासरत है कि कोई भी बच्चा/बच्ची स्कूल से दूर न रहे। अपर समाहर्ता आपदा ने निजी विद्यालयों तथा सरकारी विद्यालयों की सुविधाओं की तुलना करते हुए बताया कि सरकारी विद्यालयों में वे सभी चीजें मुफ्त उपलब्ध है जो निजी स्कूलों में मोटी फी देकर लेना पड़ता है। जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में वर्तमान में शिक्षा विभाग में हो रहे व्यापक परिवर्तन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूर्व में जो हमारे सरकारी विद्यालय थे उसमें संख्यात्मक तथा गुणात्मक परिवर्तन हुआ है। सभी विद्यालयों में न केवल अच्छे संसाधन उपलब्ध हैं बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।           अब सरकारी विद्यालयों के शिक्षक भी निजी विद्यालयों के नामी-गिरामी शिक्षक जैसे हैं। मुफ्त पुस्तकें, एक समान पोशाक, मुफ्त साइकिल, छात्रवृति, छात्रावास न केवल आर्थिक मदद दे रही है बल्कि सामाजिक समानता लाने में भी मददगार साबित हो रही है। बेटियों के उत्थान हेतु कई योजनाएं सरकार द्वारा चलायी जा रही है। कन्या उत्थान से लेकर नौकरियों व पंचायती राज में आरक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाया जा रहा है। पहले योजनाओं की राशि नकद मिलती थी जिससे परेशानियों कई स्तरों पर होती थी उन्हें दूरकर सीधे खाते में डीबीटी के माध्यम से कराया जा रहा है। बच्चों को स्मार्ट बनाने के लिये कंप्यूटर शिक्षा तथा कौशल विकास के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं।बच्चों को स्वाबलंबी बनाने हेतु स्वयं सहायता भत्ता तथा क्रेडिट कार्ड के तहत लोन दिए जा रहे हैं।आई टी आई,पॉलीटेक्निक, अभियंत्रण व चिकित्सा महाविद्यालय खोले जा रहे है ताकि बच्चों को तकनीकी ज्ञान मिल पाए।जिलाधिकारी ने अंत में सभी छात्रों/छात्राओं को नशे से दूर रहने तथा बेहतर पढ़ाई कर कामयाब बनने की नसीहत दी।  जिलाधिकारी ने कार्यक्रम के समाप्ति पर विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण का भी कार्य किया।

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