संचारी रोगों से पीड़ित लोगों की पहचान करेंगी आशाकर्मी

सासाराम:-एक व्यक्ति या परिवार से निकलकर समाज तक फैलने वाले संक्रमित रोगों की पहचान कर उसकी रोकथाम को लेकर सरकार लगातार कारगर कदम उठा रही है और इसके लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि संक्रमित रोगों से लोगों को बचाया जा सके।           संचारी रोगों से बचाव को लेकर एकीकृत रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मंगलवार को सासाराम के सदर अस्पताल स्थित ओपीडी सभागार में जिले की सभी आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कोरोना, डायरिया, डॉग बाइट, चेचक, खसरा, टीबी, मलेरिया, सहित अन्य संचारी रोगों के लक्षण के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि आगे का उनका दायित्व क्या होगा। आशा फैसिलिटेटर प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने क्षेत्र की आशा कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगी और आशा कर्मी अपने अपने क्षेत्र में विभिन्न संचारी रोगों की पहचान करेंगी। लक्षण दिखने पर होगी जांच:-प्रशिक्षण प्राप्त आशा कर्मी अपने-अपने क्षेत्र में विभिन्न संचारी रोगों से पीड़ित लोगों की पहचान पहचान करेंगी। संचारी रोग का लक्षण दिखाई देने पर आशा कर्मी इसकी तत्काल सूचना अपने एएनएम को देगी। सूचना के आलोक में एएनएम उसे पीड़ित व्यक्ति की पूरी जानकारी और लक्षण का विवरण इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराएगी। एएनएम के द्वारा दी गई जानकारी के आलोक में उक्त व्यक्ति का लक्षण के अनुसार जांच किया जाएगा। जांच में बीमारी कंफर्म होने पर उसकी रोकथाम के लिए ब्लॉक रिस्पांस टीम का गठन करके पीड़ित व्यक्ति के साथ-साथ उसके संपर्क में आए अन्य लोगों की जांच की जाएगी, ताकि वह बीमारी समुदाय तक न पहुंचे। बीमारी फैलने से पहले रोकथाम जरूरी:-एकीकृत रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल पदाधिकारी डॉक्टर नंदकिशोर चतुर्वेदी ने बताया कि ऐसी कई बीमारियां है जो पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति को भी फैल जाता है और धीरे-धीरे यह बीमारी समुदाय स्तर पर फैल जाता है। इसी के रोकथाम के लिए आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आशा फैसिलिटेटर अपने प्रखंड के आशा कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करेंगी और आशा कर्मियों द्वारा सिंड्रोमिक लक्षण दिखाई देने पर इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। संचारी लोग जानलेवा:-अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि संचारी रोग जानलेवा भी होता है। यदि इसकी पहचान समय रहते ना किया जाए तो लोग इससे मृत्यु के मूंह में समा सकते हैं। इसलिए ऐसे रोग की पहचान करना जरूरी है।            उन्होंने बताया कि कोरोना एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने बताया कि कोरोना के साथ-साथ डायरिया, चेचक, खसरा, मलेरिया, टीबी सहित कुछ अन्य संचारी रोग है जो एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है इसलिए इसकी रोकथाम जरूरी है।

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