खुले में मूत्र विसर्जन पर शोकाज कर कारवाई की धमकी शर्मनाक और हास्यास्पद

मधेपुरा:-27 जून को डीएम ऑफिस से एक कर्मी को डीएम द्वारा सरकारी आवास के पास एक कर्मी को खुले में मूत्र विसर्जन करते देखने के बाद शो काज कर 24 घंटे के अंदर जवाब देने अथवा अनुशासनात्मक कार्रवाई के फरमान की कॉपी सोशल मीडिया पर लगातार सुर्खियां बटोर रही है। इसी बीच वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने खुले में मूत्र विसर्जन पर शोकाज कर कारवाई की बात को शर्मनाक और हास्यास्पद कड़ी बताया है। डीएम की सोच और कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए राठौर ने कहा कि कारवाई से पहले यह तो ध्यान रख लिया होता कि आपने अथवा आपके सिस्टम ने जगह-जगह कोई सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं करा रखा है। वर्षों से लगातार मांग के बाद सुलभ शौचालय को लेकर जिला प्रशासन कभी भी ईमानदार नहीं रहा। एक दो जो बना भी है उसका भगवान ही मालिक है।                     खुले में मूत्र विसर्जन अगर अपराध तो खुले गाड़ी में कचड़ा पड़े रहना व उठाव क्या:-समाहरणालय के एक कर्मी को गोपनीय शाखा द्वारा जारी शो काज में खुले में मूत्र विसर्जन को स्वच्छ भारत मिशन और लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के विपरीत और महामारी फैलाने और वातावरण को दूषित करने वाली बात पर एआईवाईएफ जिला अध्यक्ष राठौर ने सवाल खड़ा किया और कहा है कि डीएम साहब अगर ऐसा है तो फिर विभिन्न गली, मुख्य सड़क, स्कूल, कॉलेज द्वार, पार्क, स्टेडियम, प्रतिमा स्थल आदि के समीप दिन में धूप निकल जाने के बाद तक कूड़ा जमा रहना, खुले गाड़ी में कचड़ा उठाव, आबादी वाले इलाके अथवा नदी किनारे फेंक देने से क्या सरकारी योजनाओं का मजाक,वातावरण को दूषित करने एवं महामारी फैलाने की कोशिश नहीं होती। सरकारी कर्मी को शोकाज पर राठौर ने कहा कि ऐसे हरकत के बजाय विधि व्यवस्था को दुरुस्त करने की पहल हो तो ज्यादा बेहतर हो समाहरणालय,स्टेडियम में बने शौचालय की हालत ऐसी है कि उसका यूज करना तो दूर उसके पास से गुजरना संभव नहीं है ऐसे में इस तरह के फरमान सिस्टम का ही मजाक बनाता है। फरमानों के बजाय व्यवस्था को दुरुस्त करें डीएम:- सरकारी आवास के पास मूत्र विसर्जन कर्मी को डीएम द्वारा देखे जाने मात्र पर शो काज की घटना पर राठौर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे बेहतर होता कि डीएम सिस्टम को दुरुस्त करते। दैनिक पत्रों में की खबरों में लगातार फैले कचड़े, उठाव में नियमों की अनदेखी,सुलभ शौचालय का अभाव के कारण औरतों की परेशानी की चर्चा छाए रहने और इन्हीं इलाकों से डीएम के हर दिन कई दफा गुजरते रहने से वो हालात से अनभिज्ञ होने की बात नहीं कह सकते।

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