पंचायत को टीबी मुक्त करने के लिए सभी संभावित मरीजों की जांच जरूरी:-डॉ. बाल कृष्ण मिश्र

बक्सर:-जिले में स्थित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास/एनक्यूएएस) सर्टिफिकेट दिलाने की तैयारी जोरों पर हैं। इस क्रम में यक्ष्मा विभाग के राज्य प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ. बीके मिश्रा ने सदर प्रखंड अंतर्गत नदांव पंचायत स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण किया।            जिसमें उन्होंने एनक्वास की तैयारियों व प्रधानमंत्री टीबी मुक्त पंचायत के तहत किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया। समीक्षा के बाद उन्होंने एचडब्ल्यूसी की सीएचओ प्रियंका कुमारी सिंह को निर्देश देते पंचायत अंतर्गत सभी आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से टीबी के लक्षण वाले मरीजों व संभावित मरीजों कह अनिवार्य रूप से जांच कराने पर जोर दिया। कहा कि जब तक पंचायत के सभी संभावित मरीजों की जांच नहीं हो जाती तब तक इसे टीबी मुक्त नहीं बनाया जा सकता। साथ ही, उन्होंने नदांव पंचायत में टीबी के इलाजरत मरीजों का फॉलोअप करने का निर्देश दिया।           स्पूटम कलेक्शन के दौरान ही मरीजों का क्यूआर कोड जेनरेट करें:- डॉ. मिश्रा ने सीएचओ व आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि राज्य में कोविड की तरह टीबी को जड़ से मिटाने के लिए हमें थ्री टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट) की रणनीति पर फोकस किया जा रहा है। इस माध्यम से आसानी से टीबी के लक्षण वाले मरीजों को चिह्नित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जब जांच का दायरा बढ़ेगा, तो मरीजों के मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी। इसके लिए हमें ज्यादा से ज्यादा टीबी के लक्षण वाले मरीजों को ट्रेस करते हुए उनका टेस्ट करना होगा।          जिसके बाद टीबी के मरीजों का इलाज शुरू किया ट्रीटमेंट जा सकेगा। साथ ही, टीबी मरीजों का स्पूटम कलेक्शन के दौरान ही उनका क्यूआर कोड जनरेट किया जाए। जिससे टीबी की पुष्टि होने के बाद उनका रजिस्ट्रेशन व इलाज आसानी से शुरू हो सके। गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य:-एसपीओ ने एनक्वास सर्टिफिकेशन की तैयारियों के संबंध पर चर्चा करते हुए बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और लोगों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपालब्ध कराने के लिए सरकार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को एनक्वास सर्टिफिकेशन के लिए तैयार कर रही है। इससलिए सरकार के उद्देश्य को देखते हुए यहां पर लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। इसके लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक के पदाधिकारियों से संपर्क कर एचडब्ल्यूसी में सेवाओं औ सुविधाओं को सुदृढ़ करें। साथ ही, चेकलिस्ट के अनुसार दवाओं का पर्याप्त भंडारण किया जाए। ताकि, किसी भी मरीज को बाहर से दवाएं न खरीदनी पड़े।        एसपी ने जिला व प्रखंड स्तर के अधिकारियों को भी इससे संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान पिरामल इंडिया के अविनाश कुमार, कंसल्टेंट विनीता कुमारी, डीसीक्यूए रुचि कुमारी व बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह समेत आशा कार्यकर्ताएं मौजूद रही।

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