झूट, नफरत और लोकतंत्र विषय पर सेमिनार आयोजित

अररिया:-शनिवार को पेंशनर समाज भवन में जन जागरण शक्ति संगठन एवं जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय द्वारा झूठ, नफरत और लोकतंत्र विषय पर गोष्टी आयोजित की गई। इस गोष्ठी के मुख्य वक्ता थे चर्चित स्वतंत्र पत्रकार नासिरुद्दीन हैदर खान थे।          गोष्ठी में सोशल मीडिया पर प्रसारित झूठ और नफरत फैलाने के पीछे की राजनीति और उसका हमारे लोकतंत्र पर असर के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। नसीरुद्दीन ने कहा कि 53 करोड़ लोग व्हाट्सएप इस्तमाल करते हैं, 40 करोड़ से अधिक फेसबुक इस्तमाल करते हैं। ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है कि झूठ और नफरत वाली खबरों का हमारे समाज में क्या असर हो रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत दुख की बात है कि एक से एक मशहूर लोग झूठी खबरों को फैलाने का काम कर रहे हैं। सिर्फ झूठ ही नहीं परोसा जा रहा बल्कि उसके साथ नफरत भी परोसा जा रहा है। ऐसे में हम सबों को बहुत सचेत होना होगा और लोगों को झूठ नफरत फैलाने वाली खबरों को पहचानना सिखाना होगा। जब झूठ और नफरत मिल जाता है तो वह हिंसा पैदा करती है और यह लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई। इसका एक बड़ा कारण मुजफ्फरनगर दंगा था । यह दंगा झूठ के सहारे फैलाया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरे मीडिया पर भरोसा कम करती है। समाज में झूठ का बोलबाला बढ़ाती हैं और एक रंगा नजरिया बनाती है। उन्होंने झूठी खबरों को पहचानने का तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरों से सतर्क हो जाना चाहिए जब किसी एक समुदाय के खिलाफ बात की जा रही हो। राष्ट्र ने नाम पर भड़काया जा रहा हो तो सतर्क हो जाना चाहिए। फिर ऐसी खबरों की सच्चाई पता करनी चाहिए। AltNews जैसे फैक्ट चेकर की मदद लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संदेह की अवस्था में हमेशा स्रोत को लेकर सवाल करना चाहिए। जन जागरण शक्ति संगठन के आशीष रंजन ने कहा कि सरकार जन आंदोलनों को खारिज करने के लिए भी झूठ का इस्तमाल कर रही है। चाहे वह शाहीन बाग का एनआरसी के खिलाफ आंदोलन हो या किसान आंदोलन, बड़े पैमाने पर इन्हें बदनाम करने के लिए झूठी खबरों को प्रसारित किया गया। झूठी खबरे समाज में व्ययमनस्य बढ़ाती हैं। डॉ. एस आर झा ने कहा कि अररिया में भी झूठी खबरों को फैला कर वोट को गोलबंद किया गया।           झूठ के साथ जब नफरत परोसा जाता है तो वह और भी खतरनाक हो जाता है। हमे सावधानी बरतनी चाहिए और बिना परखे सूचनाओं को प्रसारित नहीं करना चाहिए। गोष्ठी में रामविनय राय, नौशाद, शिवनारायण, मांडवी, रजत यादव, तन्मय, सुलोचना, मुनचुन झा, संगीता देवी, आयुष, आदिल, नवाब सहित दर्जनों प्रबुद्ध व्यक्तियों ने गोष्ठी में भाग लिया।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com