गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवा के लिए सूबे में एफआरयू की संख्या बढ़ाने पर जोर

पटना:- गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवा बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की आधारशीला मानी जाती है। जिसमें प्रथम रेफरल इकाई (एफआरयू) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इसके मद्देनजर राज्य में क्रियाशील एफआरयू की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी की गयी है। मेटरनल हेल्थ डिवीजन, मिनिस्ट्री आफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर इंडिया के 2004 में एफआरयू के लिए प्रकाशित गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक 1 लाख में से 490 गर्भवती महिलाओं की मौत गर्भकाल और बच्चे को जन्म देने समय हो जाती है। इन मौतों में दवाओं की कमी, आपरेशन थियेटर या प्रसव कक्ष, ब्लड बैंक की उपलब्धता और स्किल्ड कर्मियों की अनुपलब्धता प्रमुख वजहों में शामिल है। स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर आधारभूत संरचना,दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता, स्कील्ड मानव संसाधनों का होना एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी को सुनिश्चित करने के लिए एफआरयू की उपयोगिता बढ़ जाती है। पटना एम्स में एडिशनल प्रोफेसर सह स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ इंदिरा प्रसाद कहती हैं कि जटिल प्रसव से मातृ एवं शिशु मृत्युदर में इजाफा होता है। इसमें कमी लाने के लिए रेफरल सेवाओं का सुदृढ़ीकरण महत्वपूर्ण है। क्रियाशील एफआरयू की संख्या में बढ़ोतरी होने से न सिर्फ सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलेगा बल्कि समुदाय का सरकारी सेवाओं के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।          राज्य के 70 रेफरल इकाईयों में सिजेरियन की व्यवस्था
मालूम हो कि राज्य में कुल 216 एफआयू चिन्हित हैं। इसमें 72 एफआरयू अभी क्रियाशील हैं। दिसंबर 2023 तक राज्य के 70 रेफरल ईकाईयों में सीजेरियन प्रसव की सुविधा भी दी जा रही है। एफआरयू में गुणवत्तापूर्ण प्रसव व सिजेरियन प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी के लिए सरकारी अस्पतालों के सभी प्रसव गृह एवं आपरेशन थिएटर की कमियों का निराकरण करते हुए लक्ष्य सर्टिफाइड अस्पतालों की संख्या को बढ़ाने के साथ प्रसव जटिलताओ की समस्या को कम करने के लिए मिडवाइफरी प्रशिक्षण की संख्या भी बढ़ायी जाएगी।
एफआरयू में मिलने वाली सुविधाएं
— 20 से 30 बेड का स्ट्रेंथ
— आपातकालीन प्रसव सेवा सिजेरियन सहित
— न्यू बॉर्न केयर यूनिट
— पूरी तरह से संचालित लेवर रुम
— क्रियाशील लेब्रोरेटरी सभी जरूरी जांच के साथ
— ब्लड स्टोरेज फैसीलिटी
— 24 घंटे पानी की व्यवस्था
— बायो वेस्ट के डिस्पोजल की व्यवस्था
— अनवरत बिजली की व्यवस्था
— एम्बुलेंस और टेलीफोन की व्यवस्था
पिछले चार वर्षों में राज्य में हुए सिजेरियन के आंकड़े
वित्तिय वर्ष सिजेरियन प्रसव
2020—21 19653
2021—22 14547
2022—23 39830
2023—24 (दिसंबर तक) 34884

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