प्रशांत किशोर का सियासी सिक्सर, पार्टी की लॉन्चिंग डेट तय

75 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट, दलितों को लेकर खास प्लान
पटना:-बिहार की राजनीति में पूरी प्लानिंग के साथ एंट्री को प्रशांत किशोर तैयार हैं। पीके ने पूरे बिहार को समझने के लिए पदयात्रा की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने अब अपनी पार्टी का ऐलान करने की बात कही है। प्रशांत किशोर आने वाले दिनों में अपनी पार्टी की विधिवत घोषणा करेंगे। इसके साथ ही बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतारेंगे। प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी के लॉन्चिंग की तारीख का ऐलान कर दिया है। पीके महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने में विश्वास रखते हैं। वे उनकी तस्वीर अपने पदयात्रा के सभी पोस्टर में ठीक पीछे रखते हैं। अब वे महात्मा गांधी की जयंती यानी 02 अक्टूबर को अपनी राजनीतिक पार्टी की लॉन्चिंग करेंगे। इससे पूर्व पीके कह चुके हैं कि वे बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने संगठन का विस्तार काफी सोच-समझकर किया है। पीके के एक्स अकाउंट पर बिहार के सभी जिलों में प्रखंड स्तर तक कार्यकर्ताओं को पद आवंटित कर दिया गया है। उसके अलावा पीके ने कहा है कि वे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर वे 21 नेताओं की एक कमेटी का गठन करेंगे जो पार्टी से जुड़े सभी मामलों को देखेगी।गौरतलब है कि आज से दो साल पहले प्रशांत किशोर ने अक्टूबर की 02 तारीख यानी गांधी जयंती के मौके पर ही जन सुराज यात्रा की शुरुआत की थी। वे पिछले दो साल में बिहार के विभिन्न जिलों में 05 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा कर चुके हैं। प्रशांत किशोर हमेशा बेरोजगारी, पलायन और नौकरी के मुद्दे पर लोगों को समझाते हैं। प्रशांत किशोर लोगों को उनके वोटों की अहमियत भी बताते हैं। वे लोगों से अपने बच्चों का भविष्य संवारने की अपील करते हैं।           वे जाति और धर्म के अलावा बाकी सामाजिक कुचक्र से आगे बढ़कर खुद के भविष्य के लिए नेता चुनने की अपील करते रहे हैं। प्रशांत किशोर ने साफ कहा है कि वे बिहार विधानसभा के आगामी चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के खिलाफ खुद के बल बुते पर मैदान में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि वे 75 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देंगे। प्रशांत किशोर ने अपनी सभा में यह भी कहा है कि बिहार के मुस्लिम हमेशा डर कर वोट करते रहे हैं। इसके अलावा उनका कोई अपना नेता नहीं है। पीके के मुताबिक वे दलितों पर भी बड़ा दाव लगाने जा रहे हैं। उनके मुताबिक बिहार में दलितों की कुल हिस्सेदारी 37 फीसदी है। इसलिए बड़ी संख्या में दलित को चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। ध्यान रहे कि पीके की सियासी यात्रा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ शुरू हुई। उन्होंने जेडीयू में प्रशांत किशोर को बड़ा पद दिया। बाद में किसी बयान और अनबन की वजह से पीके जेडीयू से अलग हो गए। हाल के दिनों में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और एनडीए के खिलाफ कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में जनता नीतीश और लालू यादव के 32 साल के शासन को उखाड़ देगी। पीके ने यह भी कहा है कि जैसे ही बिहार और दिल्ली के नेताओं को जन सुराज की हकीकत के बारे में पता चलेगा, उनके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। प्रशांत किशोर कुल मिलाकर जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी के वोटों में सेंधमारी का खाका खींचने में जुटे हुए हैं।

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