योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के लिए बास्केट ऑफ चॉइस की दी गई जानकारी

सासाराम:- जनसंख्या स्थिरता को लेकर सरकार समय-समय पर परिवार नियोजन के अस्थाई एवं स्थाई संसाधनों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए जमीनी स्तर से लोगों को इन संसाधनों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही में समय समय पर परिवार नियोजन पखवाड़ा कार्यक्रम करके स्थाई परिवार नियोजन पर बल दिया जा रहा है। इसी के उद्देश्य से 11 जुलाई से जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा की शुरुआत की गई है। पखवाड़ा के दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत शुक्रवार को सासाराम प्रखंड के बैजला के दलित बस्ती स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 66 मे ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया। जहां योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन संबंधित विभिन्न संसाधनों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दिया गया। ग्राम चौपाल में आए दो दर्जन से अधिक योग्य दंपतियों को बताया गया कि परिवार नियोजन क्यों आवश्यक है और इसके लिए कौन-कौन से संसाधन मौजूद है। चौपाल में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन अस्थाई और स्थाई संसाधनों में बास्केट ऑफ चॉयस के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया गया कि ये सभी सुविधाएं सरकार द्वारा निशुल्क मुहैया कराई जाती है।अपनी मर्जी से चुने बास्केट ऑफ चॉइस ग्राम चौपाल में योग दंपतियों को जानकारी देते हुए डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि स्थाई परिवार नियोजन के साथ-साथ अस्थाई परिवार नियोजन दंपतियों के मर्जी से ही होता है।           उन्होंने बताया कि छोटा परिवार किस तरह से खुशहाल होता है और छोटे परिवार में बच्चों को किस तरह बेहतर देखभाल की जा सकती है। बास्केट ऑफ चॉइस के बारे में बताते हुए डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि अस्थाई संसाधनों के लिए छाया, अंतर, कॉपर टी, कंडोम सहित कई साधन है। इसके माध्यम से दो बच्चों के जन्म के बीच में अंतर रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि दो बच्चों के बीच 2 से 3 साल का अंतर होने से बच्चों के साथ-साथ मां का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। पुरुष नसबंदी आसान:-ग्राम चौपाल कार्यक्रम में मौजूद पुरुषों को भी पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दी गई और बताया गया कि नसबंदी कितना आसान है। डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण से कई गुना बेहतर और आसान है। उन्होंने बताया कि नसबंदी के बाद पुरुषों को आधे घंटे के अंदर छुट्टी से दी जाती है और 4 से 6 दिन आराम कर पुरुष पहले जैसा कोई भी कार्य कर सकते है। पहले दिन 51 लोगों ने अपनाया स्थाई संसाधन:-जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के प्रथम दिन कुल 51 दंपतियों ने स्थाई परिवार नियोजन के साधनों को अपनाया। इसकी जानकारी देते हुए डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि पखवाड़ा के प्रथम दिन कुल 51 लोगों ने स्थाई परिवार नियोजन के संसाधन को अपना कर जनसंख्या स्थिरता में योगदान निभाया। संजीव मधुकर ने बताया कि पखवाड़ा के प्रथम दिन 48 महिलाओं का बंधायकरण किया गया जबकि तीन पुरुषों का नसबंदी किया गया। उन्होंने बताया कि सभी पुरुषों को नसबंदी करने के बाद छुट्टी दे दी गई।

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