नसबंदी ऑपरेशन नहीं बल्कि एक सरल प्रक्रिया

सासाराम:- जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर सरकार द्वारा लगातार परिवार नियोजन पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए साल में चार बार परिवार नियोजन पखवाड़ा का आयोजन करके लोगों को अस्थाई एवं स्थाई परिवार नियोजन के संसाधनों के बारे में बताकर उसे अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इस पखवाड़े को सफल बनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करके नसबंदी को लेकर पुरुषों में फैले भ्रम को दूर करने का भी प्रयास किया जा रहा है। अधिक से अधिक पुरुष नसबंदी को बढ़ावा दिया जाए इसके लिए दंपतियों से मुलाकात कर पुरुष संबंध के बारे में विशेष जानकारी दिया जा रहा है और इसके फायदे बताए जा रहे हैं। हालांकि नसबंदी को लेकर अभी भी पुरुषों में कई भ्रांतियां देखी जा रही है। पुरुषों में ही नहीं वरन महिलाओं में भी पुरुष नसबंदी को लेकर भ्रम देखा जा रहा है और महिलाएं पुरुष नसबंदी के लिए अपने पति को आगे ना करते हुए स्वयं आगे आकर अपना बंध्याकरण करवा रही है। परंतु जिले में बहुत ऐसे पुरुष भी है जो पुरुष नसबंदी के फायदे समझ नसबंदी के लिए आगे आ रहे हैं। साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी पुरुष नसबंदी के लिए प्रेरित कर रहें है। नसबंदी करा कर धनंजय अन्य पुरुषों को दे रहें संदेश:-सासाराम प्रखंड के गमहरिया गांव निवासी 37 वर्षीय धनंजय कुमार उन्ही में से एक है। धनंजय कुमार ने अपनी पत्नी का बंध्याकरण न करवा कर खुद का नसबंदी करना बेहतर समझा। धनंजय बताते हैं कि वह अपनी पत्नी का बंध्याकरण करवाना चाहते थे परंतु उनकी पत्नी काफी कमजोर थी।           उन्हें यह भी ज्ञात था कि अगर पत्नी का बंध्याकरण होता है तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए उन्होंने अपना नसबंदी करना उचित समझा। आशाकर्मी ने दी जानकारी:-धनंजय ने बताया कि आशा कर्मी ने बंध्याकरण के फायदे बताते हुए इसकी सारी प्रक्रिया बताई और उसके बाद उन्होंने अपना नसबंदी करवाया। धनंजय पासवान बताते हैं कि नसबंदी के 2 घंटे बाद ही उन्हें छुट्टी मिल गई और वे अपने घर चले गए। उन्होंने कहा कि नसबंदी कराए साल भर हो गए अभी तक उन्हें किसी प्रकार की कुछ समस्या का सामना नहीं करना पड़ा है| पुरुष नसबंदी एक सरल प्रक्रिया:-डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण से काफी सरल होता है इसलिए सरकार पुरुष नसबंदी पर ज्यादा ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी एक सरल प्रकिया है। नसबंदी के तुरंत बाद ही छुट्टी दे दी जाती है। फिर भी पुरुष अपना नसबंदी कराने में पीछे हट रहे है। डीपीसी ने बताया कि नसबंदी कराने के बाद किसी प्रकार की कोई शारीरिक कमजोरी नहीं आती है और ना ही शादी शुदा जीवन पर कोई असर पड़ता है।

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