जिले में दस्त रोकथाम अभियान की हुई शुरुआत

सासाराम:-डायरिया से होने वाले शिशु मृत्यु दर को शून्य करने के लिए मंगलवार को सदर अस्पताल स्थित एमसीएच से दस्त रोकथाम अभियान की शुरुआत की गई।           अभियान की शुरुआत अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने जिंक कॉर्नर एवं ओ आर एस कॉर्नर का फीता काटकर किया और उसके बाद एसीएमओ ने जागरूकता रथ को रवाना किया। सरकार प्रत्येक वर्ष सघन दस्त नियंत्रण अभियान चला कर बच्चों को दस्त से बचाव करती है। वही इस वर्ष दस्त रोकथाम अभियान चलाकर दस्त से होने वाली शिशु मृत्यु को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने बताया कि बरसात की शुरुआत होते ही बच्चों में निर्जलीकरण की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है ऐसे में निर्जलीकरण को दूर करने के लिए ओ आर एस का घोल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बच्चों में दस्त होने पर लगातार ओ आर एस के साथ-साथ जिंक की गोली दी जाती है। जिंक की गोली लगातार 14 दिनों तक बच्चों को देना जरूरी हो जाता है। इसके बावजूद यदि बच्चों में लगातार दस्त हो रहा हो तो उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। उन्होंने बताया कि जागरूकता को लेकर जागरूकता रथ भी रवाना किया गया है जो 14 दिनों तक घूम घूम कर दस्त रोकथाम अभियान की जानकारी देगा। डायरिया के कारण और लक्षण:-एसीएमओ ने बताया कि डायरिया होने का मुख्य कारण वायरल या बैक्टीरिया इन्फेक्शन होता है। इसके साथ भी डायरिया के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जिसमें दूषित पानी, दूषित भोजन का इस्तेमाल, तरल आहार लेना, भोजन न पचना भी डायरिया के कारण हो सकते हैं। यदि इस बीमारी के लक्षण की बात करें तो उसमें पानी जैसा मल होना, अत्यधिक मतली आना, पेट में दर्द और सूजन होना, शरीर में पानी की कमी होना, बार बार बुखार आना, पेट में ऐठन होना, दस्त(उलटी) होना डायरिया के लक्षण माने जाते हैं। घर-घर पहुंचाई जाएगी ओ आर एस की पैकेट:-जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ आरकेपी साहू ने बताया कि दस्त रोकथाम अभियान 23 जुलाई से लगातार 2 महीना तक चलाया जाएगा। इस दौरान सभी घरों में ओआरएस की पैकेट का वितरण किया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि जिले में कुल 7 लाख 12 हजार 748 घरों में चार लाख 77 हजार 403 बच्चे लक्षित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 5 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले बच्चे वाले सभी घरों में ओ आर एस की पैकेट दी जाएगी। साथ ही यदि किसी घर में दस्त से पीड़ित बच्चा की जानकारी मिलती है तो उन्हें जिंक की गोली भी प्रदान की जाएगी। वहीं क्षेत्र की संबंधित आशा कर्मी समय-समय पर दस्त से पीड़ित उक्त बच्चे की मॉनीटरिंग भी करती रहेंगी।          जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि जिले के सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, सीएचसी, ए पी एच सी के अलावा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केदो पर जिंक और ओआरएस कॉर्नर बनाया जाएगा जहां से कोई भी व्यक्ति आसानी से इस दवा को ले सकेगा। मौके पर जिला लेखा प्रबंधक, जिला योजना समन्वयक संजीव मधुकर, अस्पताल प्रबंधक रितेश स्वरूप एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी उपस्थित थे।

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