एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए प्रखंड प्रमुखों को किया गया उन्मुखीकरण

सासाराम:-आगामी फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर आगमी 10 अगस्त से एमडीए (सर्व जन दवा सेवन अभियान) की शुरुआत की जानी है। इसके पूर्व लोगों को फाइलेरिया के साथ-साथ एमडीए अभियान की जानकारी देने में स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोगी संस्थाएं जुट गई है।           उसी के तहत बुधवार को सासाराम के जिला परिषद सभागार में जिले के सभी प्रखंड प्रमुख, बीपीआरओ एवं कार्यपालक सहायकों को फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर चलाए जाने वाला एमडीए अभियान की जानकारी दी गई। विरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर (संचारी रोग) हेमंत कुमार ने वहां मौजूद सभी पंचायती राज विभाग के जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ अधिकारियों, कार्यपालक सहायकों को फाइलेरिया के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया। उन्होंने बताया कि यह एक संक्रामक बीमारी है जो क्यूलेक्स नमक मादा मच्छर के काटने से फैलता है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी यदि एक बार हो जाए तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस बीमारी होने के कारण और इसके लक्षण भी बताया। साथ ही वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि अपने-अपने प्रखंड में लोगों को इस बीमारी के बारे में अवश्य जानकारी देते हुए सर्व जन दवा सेवन अभियान के तहत दवा खाने के लिए भी प्रेरित करें। लक्षण को ना करें नजरअंदाज:-पीसीआई के डीएमसी आशीष रावत ने वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों को बताया कि यह एक खतरनाक बीमारी है| उन्होंने बताया कि इस बीमारी का लक्षण मुख्यतः 12 से 15 साल के बाद दिखाई देता है। इस बीमारी का थोड़ा सा भी लक्षण लक्षण दिखाई दे तो इसे नजरअंदाज ना करें। आशीष रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बीमारी से हमारा पूरा बिहार ग्रसित है, जिसमें रोहतास जिला भी शामिल है। रोहतास जिले में माइक्रोफाइलेरिया दर काफी ज्यादा है इसलिए हम इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। इसलिए इस अभियान को सफल बनाने में आप सभी का सहयोग अनिवार्य है, क्योंकि किसी भी अभियान को सफल बनाने में आम जनों का सहयोग महत्वपूर्ण होता है। फाइलेरिया का दवा पूरी तरह सुरक्षित:-फाइलेरिया विभाग से आए वीडीसीओ गौरव कुमार एवं रोशन कुमार सिंह ने बताया कि एमडीए के दौरान खिलाई जाने वाली दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे किसी प्रकार का कोई नुकसान या साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। बताया गया कि यदि दवा खाने के बाद उल्टी, मिचली, सिर दर्द, चक्कर जैसा लक्षण दिखाई दे तो इससे घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि यह तभी होता हैं जब लोगों में फाइलेरिया के परजीवी मर रहे हो।           इसलिए यह एक अच्छा संकेत है। दवा खाने के बाद परजीवी पर असर होते ही इस तरह के लक्षण दिखाई देते है। उन्होंने बताया कि यदि ज्यादा तबियत बिगड़े तो नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या आशा कर्मी से संपर्क करें, वे इसका तुरंत उपाय बताएंगी। इसलिए सभी लोग बिना डर भय के दवा का सेवन जरूर करें और अन्य लोगों को भी दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित करें।

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