स्मार्ट मीटर पर खुद ऊर्जा मंत्री को भरोसा नहीं, जनता से तो लगवा रहे हैं खुद के घर में नहीं:-प्रशांत कमल

आम जनता का कुछ हजार बकाया होने पर बिजली काट दी जाती है, ऊर्जा मंत्री के घर छह लाख बकाया:-अनिल कुमार सिंह

सहरसा:-आजकल बिहार का ऊर्जा विभाग गलत कारणों से लगातार चर्चा में है। बीते 25 जुलाई को राष्ट्रीय युवा नेता अनुपम और RTI एक्टिविस्ट अनिल कुमार सिंह ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर संजीव हंस पर कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद बिहार सरकार को आईएएस संजीव हंस को पद से हटाने को मजबूर होना पड़ा। इसी कड़ी में अब एक आश्चर्यजनक तथ्य का खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय आंदोलन ‘युवा हल्ला बोल’ के कार्यकारी अध्यक्ष गोविंद मिश्रा, महासचिव प्रशांत कमल, रजत यादव और भ्रष्टाचार मुक्त कोसी जागरूकता अभियान के संयोजक अनिल कुमार सिंह ने सहरसा में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बिजली विभाग से संबंधित कई तथ्यों को उजागर किया। युवा नेता प्रशांत कमल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना पूरे देश स्तर पर चलाया जा रहा है। बिहार में भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्य के लिए ऊर्जा मंत्री को बधाई भी दे चुके हैं। ऊर्जा मंत्री खुद भी इस कार्य के लिए अपनी पीठ कई बार थपथपा चुके हैं और बिहार को स्मार्ट मीटर लगाने में देश का अग्रणी राज्य बता चुके हैं। शहरी क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए इस कार्य को द्रुत गति से चलाया जाने का दावा किया जा रहा है।           इस कार्य के लिए ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों को भी प्रोत्साहित किया जाता रहा है। लेकिन पूरे बिहार के अलग अलग कोनों में स्मार्ट मीटर का विरोध हो रहा है। लोग बिल बढ़ने की शिकायत कर करके त्रस्त हो चुके हैं। विधानसभा में भी मामला उठने के बावजूद ऊर्जा मंत्री स्मार्ट मीटर को डिजिटल गवर्नेंस का बेहतरीन उदाहरण बता चुके हैं। लोगों में स्मार्ट मीटर के प्रति संशय और आक्रोश के बावजूद पुराने मीटर को हटाकर लाखों की संख्या में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। लेकिन हैरत की बात है कि ऊर्जा मंत्री ने खुद अपने घर में प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं लगवाया है। स्मार्ट मीटर न तो सुपौल स्थित उनके आवास पर लगा है और न ही पटना स्थित उनके आवास पर ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है। प्रीपेड स्मार्ट मीटर में घोटाले के आरोप तो अक्सर लगते रहते हैं। लेकिन मंत्री जी द्वारा अपने ही घर में स्मार्ट मीटर न लगवाना शंकाओं को और भी बढ़ाता है। युवा नेता प्रशांत कमल ने जोर देकर पूछा कि अगर स्मार्ट मीटर में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है तो मंत्री जी अपने घर में क्यूं नहीं लगवा रहे हैं। इसका मंत्री जी को संतोष जनक जवाब देना चाहिए। स्मार्ट प्रीपेड मीटर में गड़बड़ी है कि नहीं इसका जवाब मंत्री ही के उत्तर में ही है।बता दें कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर जब से लगा है पूरे प्रदेश में जगह जगह से लोग बढ़े हुए बिल आने की शिकायत कर रहे हैं। जगह जगह प्रदर्शन भी हो रहे हैं। हाल में ही मंत्री जी ने ऐसे प्रदर्शन को बेकार बताया और कहा कि मोबाइल में भी लोगों को ऐसा ही लगता था पहले। सवाल है कि अगर स्मार्ट मीटर में कोई लूट नहीं है तो आखिर मंत्री जी अपने आवास पर क्यों नहीं लगवा रहे हैं? वरिष्ठ RTI कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने सवाल उठाया कि अगर आम लोगों का चार पांच हजार भी बकाया हो जाए तो बिजली काट दी जाती है। लेकिन ऊर्जा मंत्री का खुद का बिजली बकाया 6 लाख 82 हजार है। लेकिन कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। क्या जनता की मंत्री जी की नजर में कोई हैसियत नहीं है। नेताओं ने मांग किया कि जब तक मंत्री जी अपने घर में स्मार्ट मीटर नहीं लगवाते हैं तब तक आम लोगों के लिए स्मार्ट मीटर लगवाना बंद हो। हर जिले में स्मार्ट मीटर जांच का लैब खोला जाय। स्मार्ट मीटर की जांच स्वतंत्र एजेंसी से हो ताकि लोगों का संशय और परेशानी दूर हो सके।

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