सलामी परेड निरीक्षण कर स्टेडियम में जिलाधिकारी ने फहराया तिरंगा झंडा

सहरसा:-78 वें स्वतंत्रता दिवस के गौरवशाली अवसर पर डीएम वैभव चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक हिमांशु द्वारा सलामी परेड का संयुक्त निरीक्षण कर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

इस अवसर पर बीएमपी, डीएपी पुरूष व महिला बटालियन, होमगार्ड, एनसीसी, स्काउट, अग्निशमन तथा स्वान दश्ता टीम द्वारा आकर्षक परेड आयोजित हुई। जिसमें बीएमपी महिला बटालियन को प्रथम, एनसीसी द्वितीय तथा स्काउट टीम को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।            वही गुड सेमेटिरयिन के के रूप में शुभम आनंद, रंजीत कुमार एवं अविनाश खां को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुक्तेश्वर सिंह मुकेश के संचालन मे जिलाधिकारी वैभव चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में हम आजादी के अमर सेनानियों को याद करते हुए गौरवान्वित हो रहे है।           हमारी आन, बान, शान का प्रतीक एवं राष्ट्रीय पहचान तिरंगा झण्डा हमलोगों को शहीदों के सपनों को पूरा करने की शपथ दिलाता है। हम प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के जनक मंगल पांडे, बाबू वीर कुंवर सिंह, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, बहादुर शाह जफर, पीरअली खान, तात्या टोपे जैसे अनेक अमर सेनानियों को नमन करते है। सरदार भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव पंडित, चन्द्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस, असफाक उल्लाह खाँ जैसे अनेक सपूत हंसते-हंसते जान कुर्बान कर आजादी दिलाये।           उन सभी बलिदानियों को सादर श्रद्धाजंलि देते है। आजादी की लड़ाई जीतने वाले हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिवीर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, संविधान निर्माता बाबा साहेब डा भीम राव अम्बेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लौहपुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे आजाद भारत के निर्माताओं के प्रति आभार प्रकट करते है। कोशी की इस पावन धरती के लाल पुलकित कामत, हरिकात झा भोला ठाकुर, कालेश्वर मंडल व केदारनाथ तिवारी जिन्होंने अँग्रेजों की गोली खाकर कुर्बानी दी थी। उन्हें भी सादर नमन है। उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा उनके अरमानो को ऊँचाई दे रहा है।           कोशी की पावन धरती पर जीवंत विविधताओं से भरे पर्व त्यौहार, खान-पान, गीत-संगीत, रहन-सहन, नदी जीवन, हस्तकला, रंग-चित्र अपने आप में अनुपम है। हम सब को यहाँ के भाईचारा और समरस व्यवहार पर गर्व है। आजादी के पहले हमारा लक्ष्य था, अंग्रेजों की गुलामी से भारत को आजाद कराना और अब हमारा लक्ष्य है, शिक्षा, गरीबी से उत्थान,स्वास्थ्य और रोजगार दिलाना।साथ ही बिहार सरकार का संकल्प है “न्याय के साथ विकास हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि बिहार की जन कल्याकारी योजनाओं के द्वारा हमारा प्रदेश प्रगति के पथ पर निरंतर तेजी से बढ़ रहा है। विकास दर को त्वरित गति प्रदान करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आधार भूत मूल सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु 02 अक्टूबर, 2016 को गांधी जयती के अवसर पर सात निश्चयों को लागू किया गया।          सात निश्चय भाग 1 की सफलता के बाद वर्ष 2021 मुख्यमंत्री द्वारा सात निश्चय भाग-2 लागू किया गया, जिनके अवयव हैं। युवा शक्ति, बिहार प्रगति, सशक्त नहिला, सक्षन नहिला, हर खेत तक पानी, स्वच्छ गाव, समृद्धगांव, स्वच्छ शहर विकसित शहर, कनेक्टिविटी होगी और आसान सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा। इन योजनाओं से सर्वागीण विकास के द्वारा खुल गए है। जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति उत्थान के लिए वर्षों से विकास से वचित रहे समुदायों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तथा समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे व्यक्ति की सुध लेने के लिए बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2007 में “महादलित आयोग” का गठन किया गया।    आयोग के अनुशंसा पर महादलित विकास मिशन’ का गठन किया गया। त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से महादलित समुदाय को आरक्षण का लाभ देकर समानुपातिक भागीदारी सुनिश्चित की गयी। महादलित परिवारों को सरकार के द्वारा वासभूमि उपलब्ध करायी जा रही है। अभियान बसेरा के तहत महादलित, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति परिवारों को जमीन उपलब्ध करायी जा रही है। महादलित परिवारों के शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए उनके बीच से ही आनेवाले 178 युवाओं को ‘विकास मित्र’ के रूप में नियुक्त किया गया है।    प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) इस योजना अन्तर्गत सहरसा जिला के लिए वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक कुल निर्धारित लक्ष्य 83282 (तेरासी हजार दो सौ बेरासी) के विरुद्ध 82779 (बेरासी हजार सात सौ उनासी) आवास का निर्माण पूर्ण हो गया है, जो लक्ष्य के विरूद्ध 99.40 प्रतिशत उपलब्धि है।सामाजिक सुरक्षा अन्तर्गत निःशक्त, वृद्ध, विधवा एवं दिव्यागों के बीच सामाजिक सुरक्षा पेशन राशि प्रदान की जाती है।           इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत जिले में 23 व्यक्तियों को, विधवा पेंशन योजना के तहत 182 महिलाओं को, निःशक्कता पेंशन योजना से 78 दिव्यागों को. मुख्यमत्री वृद्धजन पेंशन योजना से 1273 लाभुकों को, कबीर अन्त्येष्टि योजना से 121 व्यक्तियों को अच्छादित किया गया है। मुख्यमंत्री निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना से 147 दिव्यांगों को, अनुदान अन्तर्जातिय विवाह योजना से 66 लोगों को एक-एक लाख रूपये का अनुदान दिया गया है।           राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार हर नागरिक के विकास में अनेक योजनाओं का लाभ प्रदान कर खुशहाली लाने के लिए कृत संकल्पित है। परन्तु जन भागीदारी भी आवश्यक है। जब तक जनता जनार्दन का सहयोग नहीं मिलेगा, लक्ष्य तक पहुँचना आसान नहीं है।           हम युवाओं से आह्वान करते हैं कि प्रदेश को देश में प्रथम स्थान दिलाने के लिए अपनी प्रतिभा शैक्षणिक कुशलता का उपयोग कर स्वरोजगार विकसित करें। स्वतंत्रता दिवस के इस पुनीत अवसर पर एक बार पुन पुनः बधाई।

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