जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की हुई बैठक

सहरसा:-जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा रबी आच्छादन, उर्वरक, बीज वितरण, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना फार्मर रजिस्ट्री, कृषि यांत्रिकरण योजना संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। गरमा मौसम में पाँच प्रकार का बीज मूँग, उड़द, मूँगफली, रागी मरूआ, कौनी, चीना, सावा, सूर्यमुखी तिल एवं जूट का प्राप्त लक्ष्य 1301.20 क्विंटल के विरूद्ध कुल प्राप्त 1301 क्विंटल बीज के आलोक में 1301 क्विंटल बीज का वितरण किसानों के मध्य कर दिया गया है, जो शत-प्रतिषत है। गरमा बीज वितरण में सहरसा जिला राज्य में प्रथम स्थान पर है। जिलाधिकारी द्वारा प्रषंसा की गई एवं इसी प्रकार कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया गया।           दिनांक 07.04.2025 को पुनः उड़द बीज में 200 क्विंटल एवं मूँग बीज में 855 क्विंटल का लक्ष्य प्राप्त हुआ, जिसके आलोक में दिनांक 10.04.2025 को 900 क्विंटल बीज प्राप्त हुआ है। जिसे प्रखंडवार उपावंटित करते हुए उपलब्ध करा दिया गया है। जिलाधिकारी द्वारा निदेषित किया गया है कि एक सप्ताह में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक एवं किसान सलाहकार के द्वारा किसानों के बीच प्रचार-प्रसार कर शत-प्रतिशत बीज वितरण कराना सुनिश्चित करेगें। रबी आच्छादन में लगाये गये चना, तीसी एवं जई का स्थलीय निरीक्षण सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी से कराते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराने हेतु पूर्व बैठक में निदेषित किया गया था, परन्तु आपेक्षित प्रगति नहीं होने के विरूद्ध संबंधित सभी से जिलाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण की पृच्छा हेतु निदेषित किया गया। वर्त्तमान में जिलान्तर्गत उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्त्तमान में 49386 बैग यूरिया, 26002 बैग डीएपी, 51625 बैग एमओपी, 40698 बैग एनपीके एवं 8417 बैग एसएसपी उपलब्ध है। उर्वरक नमूना, कीटनाषी संग्रहित नमूना की समीक्षा के क्रम में अप्रैल से मार्च 2025 तक सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण को दिये गये उर्वरक नमूना का लक्ष्य 38 के विरूद्ध 36 नमूना एवं कीटनाशी संग्रहित नमूना का लक्ष्य 10 के विरूद्ध 09 नमूना संग्रहित किया गया है। शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा नहीं करने के संबंध में स्पष्टीकरण की पृच्छा की गई। ऑनलाईन बीज एवं उर्वरक अनुज्ञप्ति प्रतिवेदन की समीक्षा के क्रम में बीज, उर्वरक अनुज्ञप्ति में निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पाया गया। उर्वरक प्रतिष्ठानों के निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा में कुल 392 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 27 प्रतिष्ठानांं में अनियमितता पायी गयी, जिसमें 04 की अनुज्ञप्ति निलंबित किया गया, 03 रद्द किया गया है एवं 27 से स्पष्टीकरण पृच्छा की गयी है। प्रखंडवार उर्वरकों की उपलब्धता के सत्यापन हेतु मशीन एवं भौतिक रूप से उपस्थित उर्वरक की जाँच सभी संबंधित उर्वरक निरीक्षक से एक सप्ताह के अंदर कराते हुए प्रगति प्रतिवेदन से अवगत कराने हेतु निदेशित किया गया। लक्ष्य के अनुरूप कम निरीक्षण करने वाले निरीक्षकों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई करने हेतु निदेशित किया गया। जिलाधिकारी द्वारा शत-प्रतिशत उर्वरक प्रतिष्ठानों पर दीवाल लेखन में संधारित रेट चार्ट में उर्वरक मूल्य तालिका के साथ संबंधित प्रखंड के प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायत कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार का मोबाईल नम्बर अंकित कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही उर्वरक उपलब्धता की सूचना प्रदर्शित करना सुनिश्चित करेंगे, ताकि किसी प्रकार की परेषानी की स्थिति में किसान सीधे संपर्क स्थापित कर अपनी समस्या का निदान करा सके। सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण द्वारा बताया गया कि कृषि यांत्रिकरण योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 289.80 लाख का लक्ष्य के विरू़द्व 262.41 लाख की उपलब्धि प्राप्त है, जो 90.55 प्रतिशत है। जिलाधिकारी द्वारा सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण को निदेशत किया गया कि वैसे बड़े यंत्र जिसे जिला में स्थानीय अधिकृत विक्रेता द्वारा कृषकों को उपलब्ध नहीं कराया जा पा रहा है। उसे चिन्हित करते हुए उसके स्थान पर जिस यंत्र की मांग जिला में अधिक है, उसकी रूपरेखा तैयार कर निदेशालय को उपलब्ध कराया जाय, ताकि अत्याधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके साथ ही प्रखंड स्तर पर आधुनिक कृषि यंत्र प्रदर्शनी हेतु भी विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर अग्रेतर कार्रवाई किया जाय। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत जिले के सभी अंचल में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य करना है। प्रत्येक अंचल से दो-दो राजस्व ग्राम का चयन किया गया है। उक्त चिन्हित किये गये राजस्व ग्रामों के कृषि विभागों के कृषि समन्वयक, प्रखंड उद्यान, पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण, सहायक निदेशक, उद्यान, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण, सहायक निदेशक, रसायन सहायक निदेशक, शष्य, उप परियोजना निदेशक, आत्मा तथा राजस्व एवं भूमि सुधार के राजस्व कर्मचारी, अंचल निरीक्षक एवं अंचलाधिकारी को इस कार्य हेतु इस कार्य में आवश्यक कार्रवाई करते हुए चिन्हित 20 पंचायतों के राजस्व ग्राम में फार्मर रजिस्ट्री का कार्य करना सुनिष्चित करे।सहायक निदेशक उद्यान की समीक्षा के क्रम में उनके द्वारा बताया गया कि मषरूम झोपड़ी में कुल लक्ष्य 15 के विरूद्ध 14, मधुमक्खी पालन 1530 के विरूद्ध 1497, 2 के विरूद्ध 2, मैरीगोल्ड एवं अन्य फूल में 30 के विरूद्ध मात्र 18, नारियल पौधा लक्ष्य 3000 के विरूद्ध मात्र 1530, आम विकास योजना में 15 के विरूद्ध 12.56, बीज मसाले की योजना में 20 के विरूद्ध 19, सब्जी पौधा वितरण में 34000 के विरूद्ध 19500, सब्जी बीज वितरण में 12000 के विरूद्ध 8500, अलान प्रबंधन में 150 के विरूद्ध 113 एवं कलस्टर में बागवानी में 25 के विरूद्ध 25 की उपलब्धि पायी गयी। उपरोक्त सभी घटकों में कम उपलब्धि रहने के कारण पृच्छा के क्रम में बताया गया कि अनुसूचित जनजाति में लाभुक नहीं मिलने के कारण उपलब्धि नहीं हो पाई जिस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा क्षोभ व्यक्त किया गया। जबकि अनुसूचित जनजाति की संख्या प्रखंड नवहट्टा, सत्तरकटैया एवं सोनवर्षां में अधिक है। इस संबंध में स्पष्टीकरण की मांग की गई। सहायक निदेशक रसायन की समीक्षा के क्रम में वित्तीय वर्ष 2025-26 अंतर्गत कुल लक्ष्य 5618 जिला को प्राप्त होने की सूचना उपलब्ध कराया गया, जिसके आलोक में जिलाधिकारी द्वारा सभी प्रखंडों में लक्ष्य का उपावंटन करते हुए निर्धारित समय तक शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने हेतु निदेशित किया गया। सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण द्वारा प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध नहीं कराने के विरूद्ध संबंधित कार्यालय का समीक्षा संभव नहीं हो पाया। जिलाधिकारी द्वारा क्षोभ व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण की मांग एवं वेतन स्थगित करने हेतु निदेशित किया गया। उप परियोजना निदेषक, आत्मा द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल वित्तीय लक्ष्य 55.986 के विरूद्ध 54.87 की उपलब्धि प्राप्त है, जो 98 प्रतिशत है। लघु सिंचाई अंतर्गत सहायक अभियंता, लघु सिंचाई द्वारा बताया गया कि वर्त्तमान में कुल 62 टयूबवेल में 48 कार्य कर रहे है, शेष 14 में यांत्रिक खराबी है, जिसमें 10 मुखिया से संबंधित है। जिलाधिकारी द्वारा संबंधितों से समन्वय स्थापित कर एक सप्ताह में सभी ट्यूबवेल को कार्यशील करने का निदेश दिया गया, तत्संबंधी प्रतिवेदन आगामी बैठक में उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया। सहायक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल, सहरसा द्वारा रबी सिंचाई अंतर्गत 7133 हेक्टेयर लक्ष्य के विरूद्ध 4128 हेक्टेयर की उपलब्धि प्राप्त है। नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंच रहा है। सहकारिता की समीक्षा के क्रम में जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि राज्य फसल योजना रबी 2022-23 में कुल 22589 के विरूद्ध शतप्रतिषत सत्यापन पूर्ण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री हरित कृषि सयंत्र योजना अंतर्गत 452 के विरूद्ध 452 यंत्रों का क्रय कर लिया गया है एवं 452 यंत्रों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि ईयर टैगिंग में 780000 लक्ष्य के विरूद्ध 709412 उपलब्धी जो 90.95 प्रतिषत है। निदेषित किया गया कि सभी संबंधित घटकों का समीक्षा कर उपलब्धि बढ़ाने हेतु अग्रेतर कार्रवाई करें साथ ही काम नहीं करने वाले पशु चिकित्सक को अपने स्तर से स्पष्टीकरण की पृच्छा करें। जिलाधिकारी द्वारा केसीसी प्रगति की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया है। इस संबंध में खेद प्रकट करते हुए निदेषित किया गया कि आगामी बैठक में केसीसी प्रतिवेदन के साथ भाग लेंगे तथा संबंधित योजना में कम प्रगति वाले चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पृच्छा एवं आवष्यक कार्रवाई करेंगे। महाप्रबंधक उद्योग द्वारा बताया गया कि योजनान्तर्गत में कुल लक्ष्य 220 के विरूद्ध 1343 आवेदक बैंकों को अग्रसारित किया गया है, जिसमे बैंकों द्वारा 185 आवेदन स्वीकृत किया गया एवं 98 आवेदन बैंक द्वारा वितरित किया गया है। योजना अंतर्गत कुल लक्ष्य 129 के विरूद्ध 658 आवेदक बैंकों को अग्रसारित किया गया है, जिसमे बैंकों द्वारा 123 आवेदन स्वीकृत किया गया एवं 87 आवेदन बैंक द्वारा वितरित किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा महाप्रबंधक उद्योग को अधिक आवेदन लंबित रखने वाले संबंधित बैंकों के राज्य प्रमुख एवं महाप्रबंधक से जिलाधिकारी के स्तर से तथा विभाग के स्तर आवष्यक पत्राचार करने हेतु निदेशित किया गया, ताकि अधिकाधिक किसानां का लाभ हो तथा लक्ष्य की प्राप्ति संभव हो सके। गव्य विकास की समीक्षा के क्रम में जिला गव्य विकास पदाधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि समग्र गव्य विकास योजना अंतर्गत कुल भौतिक लक्ष्य 85 के विरूद्ध बैंक ऋण हेतु 500 आवेदन स्वलागत से 440 आवेदन कुल 940 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें बैंक को भेजे गए आवेदन 97 स्वलागत पर 70 आवेदन कुल 167 आवेदन बैंक को भेजे गए हैं, जिसमें बैंक के माध्यम से 9 आवेदन स्वलागत के माध्यम से 70 आवेदन कुल 79 आवेदन स्वीकृत किया गया है। देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत कुल भौतिक लक्ष्य 37 के विरूद्ध बैंक ऋण हेतु 292 आवेदन स्वलागत से 251 आवेदन कुल 543 आवेदन प्राप्त हुए कुल 92 आवेदन बैंक को भेजे गए। जिसमें बैंक के माध्यम से 18 आवेदन स्वलागत के माध्यम से 22 आवेदन कुल 40 आवेदन स्वीकृत किया गया है।
डी0डी0एम0, नाबार्ड द्वारा बताया गया कि दो एफपीओ जिला में कार्यरत है, जो प्रखंड-सिमरी बख्तियारपुर एवं प्रखंड नवहट्टा में संचालित है। योजनान्तर्गत प्रखंड-नवहट्टा में मखाना पॉपिंग एवं पैकेजिंग का व्यवसाय किया जा रहा है। कंपनी वर्ष 2024-25 में 24.15 लाख का व्यवसाय कर 28 हजार का प्रॉफिट कमाया। प्रखंड-सिमरी बख्तियारपुर में कंपनी वर्ष 2024-25 में कुल 42.55 लाख रूपये का व्यवसाय किया गया जिसमें कुल 32 हजार रूपये का प्रॉफिट कमाया। मापतौल की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वार्षिक लक्ष्य 69 लाख के विरूद्ध कुल वसूली 47.55 लाख, जो 68.92 प्रतिशत है। कार्यपालक अभियंता, विद्युत, सदर, सिमरी बख्तियारपुर द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन की समीक्षा की गयी। जिलाधिकारी द्वारा राजस्व संग्रहण ससमय पूर्ण करने हेतु निदेषित किया गया।          बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, प्राचार्य मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, परियोजना निदेशक, आत्मा, जिला सहाकारिता पदाधिकारी, जिला सांख्यकी पदाधिकारी, महाप्रबंधक उद्योग, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, सहरसा, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, सहायक निदेशक, कृषि अभियंत्रण, सहायक निदेशक, रसायन, अग्रणी बैंक प्रबंधक, सहरसा, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई, कार्यपालक अभियंता, सिंचाई, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, सदर, सिमरी, डीडीएम, नाबार्ड जिला जनसंपर्क, पदाधिकारी, जिला परामर्शी, जिला कृषि कार्यालय, सहरसा, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सहरसा आदि ने भाग लिया।

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