फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम : 30 अगस्त से पांच सितंबर तक जिले में चलाया जाएगा मॉपअप राउंड

आरा:- फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस क्रम में अब स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोगी संस्थानों के समन्वय से जिले में शिविर लगाकर दवाओं का सेवन कराया जा रहा है। इस क्रम में 29 अगस्त तक जिले में स्कूलों के अलावा सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में बूथ लगाकर स्कूली बच्चों के साथ अन्य लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जायेगा। सिविल सर्जन डॉ. शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि 24 अगस्त तक आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर घर जाकर दवाओं का सेवन कराया गया। उसके बाद 30 अगस्त से पांच सितंबर तक मॉप अप राउंड चलाया जाएगा। जिसमें एमडीए के दौरान छूटे हुए लाभुकों को चिह्नित करते हुए फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जायेगा। ताकि, कोई भी लाभुक दवाओं का सेवन करने से न चुके। क्योंकि जब जिले का हर लाभुक फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन नहीं सेवन नहीं कर लेता, तब तक फाइलेरिया का उन्मूलन कार्यक्रम का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।           मच्छरों के माध्यम से फैलती है फाइलेरिया:-अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह डीएमओ डॉ. केएन सिन्हा ने बताया कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो मच्छरों से फैलती है। जेल परिसर में और आस-पास जल जमाव वाले क्षेत्र व गंदे स्थानों पर पनपने वाले कई मच्छर कई गंभीर रोग के कारक होते हैं। इसलिये हमें आवासीय स्थान को स्वच्छ बनाये रखने का प्रयास करना चाहिये। साथ ही, सभी को मच्छरों से बचाव करते हुए मच्छरदानी में सोना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए फाइलेरिया उन्मूलन आवश्यक है। समय पर इलाज नहीं होने से यह बीमारी मरीज को दिव्यांग बना सकती है। हम या हमारे परिजन इसकी चपेट में न आए इसलिए दवाओं का सेवन भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि पांच साल तक लगातार यदि लोग साल में एक बार दवाओं का सेवन करें तो फाइलेरिया से पूरी तरह बचाव संभव है। स्कूली बच्चों को किया गया जागरूक:-पीसीआई के डीएमसी रणवीर पटेल ने बताया कि पीसीआई के द्वारा स्कूली बच्चों और शिक्षकों को जागरूक किया गया है। इस क्रम में बुधवार को बड़हरा प्रखंड के बबुरा गांव अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बूथ लगाकर बच्चों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया गया। बच्चों और शिक्षकों को बताया गया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए एक मात्र उपाय दवाओं का सेवन ही है। इसके लिए सिर्फ इसका ध्यान रखना होगा कि कोई भी लाभुक खाली पेट इन दवाओं का सेवन न करे। अन्यथा मिचली और चक्कर आने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि उक्त स्कूल में मध्याह्न भोजन के बाद मेडिकल टीम की निगरानी में 625 छात्र छात्राओं को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया गया। वहीं, किसी भी बच्चे में एडीआर की शिकायत नहीं आई। उन्होंने बताया कि गुरुवार को जिले के सभी जीविका दीदियों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया जायेगा।

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