मंकी पॉक्स को लेकर एडवाइजरी जारी, राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी, आईडीएसपी ने जारी की एडवाइजरी

पटना:-राज्य में मंकी पॉक्स से संबंधित एडवाइजरी जारी की गयी है. राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी, आईडीएसपी, डॉ. रणजीत कुमार ने पटना एवं गया के सिविल सर्जन के साथ आईडीएच, एनएमसीएच एवं अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक को पत्र जारी मंकी पॉक्स के प्रसार एवं इससे बचाव की जानकारी देते हुए पत्र जारी किया है.क्या है मंकी पॉक्स:-मंकी पॉक्स के मुख्य लक्षण शरीर पर रैश, बुखार एवं लसिका तंत्रिकाओं में सूजन होता है. इसका संक्रमण संक्रमित जानवरों के काटने/नोचने, शरीर के तरल पदार्थ, घाव सामग्री एवं जंगल में पके मांस के सीधे अथवा परोक्ष संपर्क में आने से होता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये व्यक्ति को यह बीमारी ड्रॉपलेट, त्वचा से त्वचा का संपर्क, मूंह से मूंह के मिलने से एवं मूंह का त्वचा के संपर्क में आने से होता है. मंकी पॉक्स के उपचार में लक्षणों का नियंत्रण, जटिलताओं का प्रबंधन और दीर्घकालिक सीक्वल की रोकथाम शामिल है. यह बीमारी मुख्यतः अफ्रीका में पायी गयी है और इसके कुछ केस स्वीडन एवं पाकिस्तान से भी रिपोर्ट किये गए हैं. एडवाइजरी में बताया गया है कि मंकी पॉक्स एक वायरल जोनोटिक बीमारी है जिसे मुख्यतः मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीका से रिपोर्ट किया गया है।            अब इसके बाहर के देशों की भी ख़बरें आ रही हैं. मार्च 2024 में केरल से भी इसके एक केस की सूचना मिली है. 14 अगस्त 2024 को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकी पॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ़ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित किया गया है.मंकी पॉक्स से बचाव:-मंकी पॉक्स की एडवाइजरी में बताया गया है कि मंकी पॉक्स से प्रभावित जगहों पर यात्रा करने वाले लोग को संक्रमित व्यक्ति एवं जानवर के संपर्क में आने से बचना चाहिए एवं ग्लव्स, मास्क आदि का उपयोग करना चाहिए. बीमार लोगों की देखभाल अथवा जानवरों को सँभालने के बाद नियमित हाथ धोना, बाहर से लाये हुए खाद्य सामग्री को अच्छी तरह पकाना एवं किसी भी संदिग्ध संक्रमित को तुरंत चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए.प्रसार को रोकने के लिए इंतजाम:-एडवाइजरी में निर्देशित है कि विदेशी यात्रियों की पिछले 21 दिनों की ट्रेवल हिस्ट्री सेल्फ डेकलरएशन फॉर्म में दर्ज की जाये. पटना एवं गया एअरपोर्ट पर हेल्प देश की स्थापना तथा पटना में गाय घाट से आनेवाले विदेशी यात्रियों की अंतर्देशीय नेविगेशन प्राधिकरण द्वारा निगरानी सुनिश्चित की जाये. आईडीएच पटना, एनएमसीएच पटना एवं एएनएमएमसीएच गया में आइसोलेशन वार्ड बनाया जाये जिसमे पांच बेड संदिग्ध एवं पांच बेड कनफर्म्ड मरीज के लिए चिन्हित किया जाये. एडवाइजरी में आगे बताया गया है कि उक्त अस्पतालों के विभागाध्यक्ष, त्वचा एवं यौन रोग को मंकी पॉक्स के निरिक्षण के लिए नोडल अधिकारी नमित किया जाये एवं संक्रमण की रोकथाम के लिए समुचित प्रबंधन अस्पताल एवं आइसोलेशन वार्ड में किया जाये. रेफ़रल केसेस के लिए एंबुलेंस सुविधा प्रदान की जाये. संदिग्ध मरीजों का सैंपल राज्य आईडीएसपी सेल को सूचित करने के उपरांत एम्स नयी दिल्ली एवं आईसीएमआर कोलकाता को भेजा जाये. एअरपोर्ट, अंतर्देशीय घाटों एवं अस्पतालों में मंकी पॉक्स से संबंधित आईईसी सामग्री प्रदर्शित की जाये।

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