सदर अस्पताल में एचआईवी पीड़ित महिलाओं का कराया जा रहा प्रसव

सासाराम:-असुरक्षित यौन संबंधों की वजह से एचआईवी एड्स का दायरा बढ़ता जा रहा है। हालांकि एड्स से बचाव के लिए सरकार समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलती है और इससे बचाव के लिए कई जानकारियां उपलब्ध कराई जाती है। बावजूद इसके लोगों तक जानकारी नहीं पहुंचने के कारण पुरुष के साथ-साथ महिलाएं इस गंभीर बीमारी से पीड़ित हो रही है। वही एचआईवी एड्स के दौरान गर्भधारण को लेकर जिला एड्स कंट्रोल विभाग द्वारा पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी कई सुझाव दिया जा रहे हैं। एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं को लगातार ऑब्जर्वेशन में भी रखा जा रहा है और समय-समय पर उनका जांच भी करवाया जा रहा है। जिला एड्स नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में अब तक 80 से अधिक एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाएं पाई गई है जिनका पूरी सावधानी के साथ प्रसव करवाया गया है प्रसव के बाद सभी बच्चे एचआईवी नेगेटिव पाए गए हैं। इसकी जानकारी देते हुए एचआईवी एड्स सलाहकार प्रिया कुमारी ने बताया कि एचआईवी पीड़ित गर्भवती महिलाओं का लगातार जांच किया जाता है।           साथ ही उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के बचाव के लिए गर्भवती महिलाओं को दवा दिया जाता है। प्रसव के बाद बच्चा होने पर उक्त बच्चों को भी इस बीमारी से बचाव के लिए दवा चलाया जाता है। प्रिया कुमारी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान दवा सेवन करने के साथ-साथ बच्चों के जन्म के 72 घंटे के भीतर दवा का सेवन कराने से बच्चों में एचआईवी का खतरा लगभग ना के बराबर हो जाता है। एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के लिए परिवार नियोजन की हो सुविधा एचआईवी एड्स सलाहकार प्रिया कुमारी ने बताया कि रोहतास जिले में एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर प्रसव सुविधा मुहैया उपलब्ध करा दिया गया है परंतु अभी तक जिले में स्थाई परिवार नियोजन संबंधित कोई उचित व्यवस्था नहीं है। इस कारण ऐसी महिलाओं को गया भेजना पड़ता है या कुछ महिलाएं निजी अस्पतालों में जाकर ऑपरेशन करवाती हैं। उन्होंने बताया कि यदि रोहतास जिले में भी एचआईवी पीड़ित महिलाओं के लिए स्थाई परिवार नियोजन की व्यवस्था हो जाए तो इससे कई महिलाओं को फायदा होगा। इक्ष्छुक महिलाओं का किया जा सकता वांध्यकरण:-परिवार नियोजन के नोडल पदाधिकारी सह एसीएमओ डॉ अशोक कुमार ने बताया की एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण को लेकर कई जटिल समस्याएं आती हैं, जिसमें उनके सेहत की बात जुडी होती है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जिले में एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का प्रसव की बेहतर इंतजाम किया गया है और कई सुरक्षित प्रसव करवाया जा चुका है। एसीएमओ ने बताया की अगर जिले में ऐसी महिलाएं मिलती है तो उनके लिए भी अलग से बंध्याकरण की व्यवस्था किया जा सकता है। एचआईवी पॉजिटिव के लिए भी किया जा रहा विचार:-डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि परिवार नियोजन को लेकर तैयारी चल रही है। उन्होंने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव पुरुष या महिलाओं का नसबंदी और बंध्याकरण अभी तक जिले में नहीं किया गया है, लेकिन इस पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस पखवाड़े में एचआईवी पॉजिटिव पुरुष नसबंदी एवं महिला बंध्याकरण बंध्याकरण कराने पर विचार किया जा रहा है।

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