भगवान प्रसाद के निधन से शोक में शख्सियत

जमुई:- जिले के झाझा शहर निवासी एवं प्रसिद्ध मानवतावादी भगवान प्रसाद का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया। वे करीब 85 वर्ष के थे। उन्होंने अंतिम सांस अपने आवास पर ली। दिवंगत प्रसाद अपने पीछे तीन पुत्र, पांच पुत्री समेत भरा-पुरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका अंतिम संस्कार झाझा के समीप बहने वाली उलाय नदी के तट पर रविवार को अपराह्न में किए जाने की संभावना है। उनके स्वर्गीय होने से झाझा शहर के साथ जमुई जिला स्तब्ध है। यहां के दिग्गजों ने अपने-अपने ढंग से संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें भावांजलि दी है। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह झाझा के वर्तमान विधायक दामोदर रावत ने भगवान प्रसाद के निधन को झाझा शहर के साथ जमुई जिला के लिए अपूर्णीय क्षति बताया है। उन्होंने उन्हें मानवता का पर्याय बताते हुए कहा कि वे देव तुल्य थे। उन्होंने अपने विलक्षण गुणों से समाज के परिदृश्य को बदलने में कारगर भूमिका निभाई। लोग जाति, धर्म, संप्रदाय से ऊपर उठकर उनका सम्मान करते थे। उनका निधन मेरे लिए निजी क्षति है। मैं उन्हें बारंबार नमन करता हूं। जानी-मानी समाजसेविका सेविका सह विदुषी महिला डॉ. स्मृति पासवान ने भगवान प्रसाद के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उनके निधन से समाज के एक युग का अंत हो गया है।                ईश्वर के अवतार चिरनिद्रा में सो गए। उनका जाना पूरे समाज के लिए दुखदायी है। एक महान समाजसेवी, उदार व विशाल हृदय वाला इंसान और दूरदर्शी मानव को हमने खो दिया है। मैं उन्हें बारंबार प्रणाम करती हूं। जेपी सेनानी सह गणमान्य नागरिक लक्ष्मण झा ने कहा कि भगवान बाबू के निधन से पूरा समाज शोकाकुल है। उनके जैसे मानव को खोकर हर इंसान के आंखों में आंसू है। उन्होंने कहा कि दिवंगत भगवान बाबू अपनी निष्ठा के बल पर अपना कद बड़ा किया जो अनुकरणीय है। वे बिरले मानव थे जिन्होंने समाज के हर वर्ग से स्नेह प्राप्त किया। उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। जदयू के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सह जिला बीस सूत्री के सदस्य ई. शंभू शरण ने कहा कि भगवान बाबू के निधन से समाज का एक मजबूत स्तंभ ढह गया है। एक समर्पित, कर्मठ और निष्ठावान व्यक्तित्व हमारे बीच से चला गया। वे एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने अपना जीवन समाज के उत्थान एवं कल्याण के लिए जीया और जिनके कार्यों से समाज का मस्तक ऊंचा हुआ। दिवंगत प्रसाद की गिनती एक संवेदनशील मानव के रूप में होती थी। उनका जाना पीड़ा दायक है। बिहार सरकार का मान्यता प्राप्त पत्रकार सह राज्य उद्घोषक डॉ. निरंजन कुमार ने कहा कि पिता तुल्य स्मृतिशेष भगवान प्रसाद महान विभूति के साथ महामानव थे। वे अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन हर इंसान को हमेशा मिलता रहेगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके हर स्नेही को यह दु:ख सहन करने की शक्ति दें। डॉ. कुमार ने उनके प्रभु चरणों मे चले जाने के बाद उन्हें उदास हृदय से श्रद्धांजलि दी। समाजसेवी शैलेश साह, अवकाश प्राप्त बैंक प्रबंधक ओम प्रकाश पासवान, सूर्या वत्स, सुबोध केशरी, बीजेपी नेत्री कंचन कुमारी, गुड्डू केशरी, राजेश कुमार, अनूप केशरी, अविनाश झा, पवन सुलतानियां आदि ने भी परम पूज्य भगवान बाबू के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अंकित करने वाली बात है कि दिवंगत भगवान प्रसाद झाझा के वरिष्ठ पत्रकार संजय बरनवाल के पूज्य पिताजी जी थे। उनके निधन से पत्रकार जगत में विशेष रूप से शोक व्याप्त है। सभी कलमबाजों ने भगवान बाबू के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है।

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