सूबे में गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवा के लिए 150 एफआरयू किया जाएगा क्रियाशील

पटना:-गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवा बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की आधारशिला मानी जाती है। इसमें प्रथम रेफरल इकाई (एफआरयू) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इसके मद्देनजर राज्य में क्रियाशील एफआरयू की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसे लेकर मंगलवार को विभागीय अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक में इसकी समीक्षा की गयी है। इसमें प्रथम रेफरल इकाई की संख्या को 150 करने का लक्ष्य तय किया गया। बैठक के दौरान राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (मातृ स्वास्थ्य) डॉ सरिता ने बताया कि राज्य में जल्द ही 20 एफआरयू को क्रियाशील किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मातृ-स्वास्थ्य डिवीजन की 2004 में एफआरयू के लिए प्रकाशित गाइडलाइन के अनुसार, प्रत्येक 1 लाख में से 490 गर्भवती महिलाओं की मौत गर्भकाल और बच्चे को जन्म देते समय हो जाती है। इन मौतों में दवाओं की कमी, ऑपरेशन थियेटर या प्रसव कक्ष, ब्लड बैंक की उपलब्धता और स्किल कर्मियों की अनुपलब्धता प्रमुख वजहों में शामिल है।           स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर आधारभूत संरचना, दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता, स्किल मानव संसाधनों का होना एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी को सुनिश्चित करने के लिए एफआरयू की उपयोगिता बढ़ जाती है। पटना एम्स में एडिशनल प्रोफेसर सह स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ इंदिरा प्रसाद कहती हैं कि जटिल प्रसव से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में इजाफा होता है। इसमें कमी लाने के लिए रेफरल सेवाओं का सुदृढ़ीकरण महत्वपूर्ण है। क्रियाशील एफआरयू की संख्या में बढ़ोतरी होने से न सिर्फ सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलेगा बल्कि समुदाय का सरकारी सेवाओं के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। सी सेक्शन नहीं करने वालों पर हो सकती है विभागीय कार्रवाई:-मालूम हो कि राज्य में कुल 216 एफआरयू चिन्हित हैं। इसमें 69 एफआरयू अभी क्रियाशील हैं। उच्चस्तरीय बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि सी सेक्शन का कार्य महत्वपूर्ण है। इसके अलावा वैसे चिकित्सकों की सूची जो सी-सेक्शन का कार्य संपादित नहीं कर रहे हैं या कम कर रहे हैं, उनकी सूची सिविल सर्जन विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि उन चिकित्सकों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई की जा सके।
एफआरयू में मिलने वाली सुविधाएं
— 20 से 30 बेड का स्ट्रेंथ
— आपातकालीन प्रसव सेवा (सिजेरियन सहित)
— न्यू बोर्न केयर यूनिट
— पूरी तरह से संचालित लेबर रूम
— क्रियाशील लेबोरेटरी सभी जरूरी जांच के साथ
— ब्लड स्टोरेज फैसिलिटी
— 24 घंटे पानी की व्यवस्था
— बायो वेस्ट के डिस्पोजल की व्यवस्था
— अनवरत बिजली की व्यवस्था
— एम्बुलेंस और टेलीफोन की व्यवस्था

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