शिक्षा विभाग डीईओ का गिराएगा “विकेट”, निशाने पर जमुई, बांका, पटना, सहरसा और सिवान

अंकित डीईओ पर कर्मचारियों को समय पर वेतन अथवा मानदेय न देने का आरोप
अपर सचिव ने सभी डीईओ को दिए थे सख्त निर्देश
अपर सचिव पीत पत्र के जरिए नामित डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की
डेस्क:-बिहार के पांच जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इन अधिकारियों पर कर्मचारियों को समय पर वेतन अथवा मानदेय नहीं देने का आरोप है। इस मामले में विभागीय निर्देश के बावजूद बार-बार जमुई, बांका, पटना, सहरसा और सिवान के डीईओ ने लापरवाही बरती है। शिक्षा विभाग ने इन अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है और उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की सिफारिश की है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने कहा कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पहले ही सख्त निर्देश दिया जा चुका है कि कर्मचारियों का वेतन अथवा मानदेय हर महीने के पहले सप्ताह में दे दिया जाए। हर मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वेतन भुगतान की समीक्षा भी की जाती रही है। 08 अक्टूबर को जब सितंबर महीने के वेतन भुगतान की समीक्षा हुई तो पता चला कि कुछ जिलों में अभी भी भुगतान लंबित है। इसके बाद संबंधित डीईओ को 09 अक्टूबर तक हर हाल में भुगतान करने का निर्देश दिया गया। लेकिन 15 अक्टूबर को फिर से समीक्षा बैठक हुई तो पता चला कि बांका में बीपीएमयू का मानदेय, जमुई में बीपीएमयू और आधार अपडेट ऑपरेटर का मानदेय, पटना में बीपीएमयू और आधार ऑपरेटर का मानदेय, सहरसा में विद्यालय सहायक, विद्यालय परिचारी और आधार ऑपरेटर का मानदेय तथा सिवान में आधार ऑपरेटर का मानदेय अब तक लंबित है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए पीत पत्र जारी किया है।          उन्होंने लिखा है कि सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को बार-बार निर्देश दिया गया कि कार्यरत सभी कर्मियों का वेतन अथवा मानदेय भुगतान हर माह के पहले सप्ताह में कर दिया जाए। प्रत्येक मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित होने वाली बैठक में वेतन भुगतान की स्थिति की समीक्षा की जाती है। सितंबर माह के वेतन भुगतान की समीक्षा 08 अक्टूबर को की गई, जिसमें कुछ जिलों के कर्मियों का वेतन-मानदेय भुगतान लंबित था। लिहाजा संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 09 अक्टूबर तक हर हाल में भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। पीत पत्र में आगे लिखा है कि 15 अक्टूबर को आयोजित बैठक में फिर से समीक्षा की गई। जिसमें पाया गया कि पांच जिलों में अभी भी मानदेय भुगतान लंबित है। ऐसी स्थिति में इन जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी जिम्मेदार हैं। लिहाजा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चलाने की अनुशंसा की जाती है। माना जा रहा है कि इस लापरवाही के लिए इन पांचों जिलों के डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। उधर अपर सचिव के द्वारा पीत पत्र लिखे जाने का बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी राहत और बचाव का मार्ग खोजने में जुट गए हैं।

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