लक्ष्य सर्टिफाइड संस्थानों में संस्थागत सामान्य प्रसव में 20% तो सिजेरियन में 5% की वृद्धि

पटना:-लेबर रूम व मैटरनल-ओटी के लक्ष्य सर्टिफिकेशन के बाद से उन संस्थानों के संस्थागत प्रसव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। संस्थागत प्रसव के अंतर्गत सामान्य प्रसव में 20 प्रतिशत और सिजेरियन प्रसव में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 58 प्रसव कक्ष (लेबर रूम) और 22 शल्य कक्ष (ऑपरेशन थिएटर) को राज्य स्तरीय प्रमाणन मिल चुका है। लक्ष्य प्रमाणीकरण की शुरुआत प्रसव कक्ष और प्रसूति ऑपरेशन थियेटर की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए की गई थी। माँ और नवजात को गरिमामयी और सुरक्षित देखभाल:-लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्राप्त संस्थान में हर गर्भवती महिला और नवजात को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक देखभाल मिलती है। इसलिए मेडिकल कॉलेजों और प्रथम रेफरल इकाइयों को भी इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है। प्रमाणन की संख्या में बढ़ोतरी के लिए एक्सटर्नल असेसरों द्वारा ऑन-साइट मॉनिटरिंग की जा रही है। नर्सिंग कॉलेजों के प्रोफेसरों को असेसर के रूप में जोड़ने की कोशिश भी चल रही है।.सफलता के चार स्तंभ : नेतृत्व, सुधार, प्रशिक्षण और साझेदारी राष्ट्रीय गुणवत्ता मूल्यांकनकर्ता डॉ. महताब सिंह ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम की सफलता चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। इसमें मज़बूत नेतृत्व और समर्पित टीम, अस्पतालों की आधारभूत संरचना और मानव संसाधन में सुधार, डॉक्टरों व नर्सों को समय-समय पर व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रमाणित संस्थानों के अनुभवों को साझा करना आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने इन सभी पहलुओं को गंभीरता से लागू किया है, जिससे वहां लक्ष्य कार्यक्रम के परिणाम अत्यंत प्रभावशाली रहे हैं।          लक्ष्य-एक शक्तिशाली बदलावकारी मॉडल एसकेएमसीएच, मुज़फ्फरपुर के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की प्रमुख डॉ. प्रतिमा ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम मातृत्व और नवजात देखभाल की गुणवत्ता सुधारने का एक सशक्त मॉडल बनकर उभरा है, जो कई अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन प्रणालियों की तुलना में अधिक प्रभावी साबित हुआ है। इसके तहत लेबर रूम और ऑपरेशन थिएटर का मानकीकरण, प्रसव के दौरान निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन और महिलाओं को गरिमापूर्ण देखभाल सुनिश्चित की जाती है, जिससे जटिलताओं के समय पर प्रबंधन और महिलाओं की संतुष्टि में स्पष्ट सुधार देखा गया है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com