नए गर्भनिरोधक के साधन पर बढ़ा महिलाओं का भरोसा

पटना:- नवीन गर्भनिरोधक साधन सब डरमल इम्प्लांट एवं एमपीए सब-कुटेनियस को लाभार्थियों के बीच आये हुए करीब 14 महीने हुए हैं. इस दौरान लम्बी अवधि के अस्थायी गर्भ-निरोधक साधन सब-डरमल इम्प्लांट और एमपीए सब-कुटेनियस ने सूबे की महिलाओं के बीच आशाजनक लोकप्रियता प्राप्त की है. ये दोनों सुविधाएँ अभी केवल दो-दो जिले में ही उपलब्ध हैं. ताजा जानकारी के अनुसार, राज्य में इस वर्ष 16 अक्टूबर तक 2242 महिलाओं ने सब डरमल इम्प्लांट करवाया है. वहीँ 2692 महिलाओं ने एमपीए सबकुटेनियस इंजेक्शन लगवाया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत सब डर्मल इंप्लांट की सुविधा पटना और भागलपुर में तथा एमपीए सब-कुटेनियस की सुविधा शेखपुरा एवं मुंगेर में अभी उपलब्ध है.लगातार बढ़ रही लाभार्थियों की संख्या:-प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य में 16 अक्टूबर तक 2,242 महिलाओं ने सब डरमल इम्प्लांट पर भरोसा जताया है. पटना में 1475 एवं भागलपुर में 767 महिलाओं ने अब तक इम्प्लांट का चुनाव किया है. वहीँ 2,692 महिलाओं ने मुंगेर एवं शेखपुरा में एमपीए सबकुटेनियस इंजेक्शन पर भरोसा किया है।           शेखपुरा में 1723 एवं मुंगेर में 969 महिलाओं ने एमपीए सबकुटेनियस इंजेक्शन लगवाया है. उल्लेखनीय है कि राज्य में पिछले वर्ष अक्टूबर से गर्भ निरोधक के रूप में लंबी अवधि के अस्थायी साधन में नया विकल्प लाभार्थियों के लिए उपलब्ध कराया गया था. इसमें राज्य के दो जिले पटना एवं भागलपुर के 4 अस्पतालों में फिलहाल सब-डरमल इम्प्लांट की सुविधा उपलब्ध है. जबकि एमपीए सब-कुटेनियस गर्भनिरोधक सूई लाभार्थियों को शेखपुरा एवं मुंगेर में उपलब्ध करायी जा रही है. इसकी शुरुआत नवंबर 2023 में शेखपुरा से की गयी थी.महिला लाभार्थियों ने दिया सकारात्मक संदेश:-अंतरा के नये रूप और सरल साधन एमपीए सबकुटेनियस का शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता. अंतरा इंजेक्शन महिला की मांसपेशी में दी जाती है. जबकि एमपीए सबकुटेनियस मासपेशियों और स्किन के बीच में लगायी जाती है. इसमें दवाई पहले से लोडेड होता है. सूई देने और एक जगह से दूसरे जगह लाने-ले जाने में आसान होता है. इसे कोई भी महिला जो दो बच्चों के बीच लम्बी अवधि का अंतर रखना चाहती है, इसे अपना सकती हैं. एमपीए सबकुटेनियस का इस्तेमाल करने वाली शेखपुरा के सर्वा गाँव की 23 वर्षीया रूपा कुमारी बताती हैं कि सबकुटेनियस का चुनाव करने से पहले उनके मन में दुविधा थी. आशा दीदी ने उन्हें इसकी पूरी जानकारी दी और इसके लाभ से उन्हें अवगत कराया.अब वह इसका इस्तेमाल करते हुए पूरी तरह सहज महसूस करती हैं और उन्हें इससे किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं महसूस हुई है. उनके पति कुंदन राउत भी उनके निर्णय से खुश हैं।

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