सरकारी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने में महिला आरोग्य समिति निभा रही अहम भूमिका

सासाराम:- सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है और सरकारी अस्पताल में बेहतर सुविधा मुहैया हो रहा है इसके प्रति भी लोगों को विश्वास दिलाने के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके लिए सरकार कई सहयोगी संस्थाओं से भी सहयोग ले रही है। साथ ही सरकारी अस्पतालों में कार्यरत आशा कर्मियों के सहयोग से एक कमिटी गठित कर लोगों को सरकारी अस्पताल में दिए जाने वाले सुविधाओं के बारे में जानकारी दिया जा रहा है। महिला आरोग्य समिति भी इन्हीं कमिटी में से एक है, जिसमें आशा कर्मी अपने कार्यक्षेत्र में एक टीम का गठन कर समुदाय के बीच बैठक कर लोगों को सरकारी अस्पतालों में सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी देती है। साथ ही सरकारी अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में भी बताया जा रहा है। प्रत्येक आशा कर्मी को अपने कार्यक्षेत्र में एक कमिटी गठित करना है। जिसमें उस क्षेत्र के किसी भी एक तेज तर्रार महिला, महिला जनप्रतिनिधि, महिला समाजसेवी को अध्यक्ष बना कर प्रत्येक सप्ताह जन समुदाय के बीच बैठक कर सरकारी स्वास्थ्य योजनाकारों की जानकारी देती है।            साथ ही साथ सरकारी स्वास्थ्य सुविधा को लेकर लोगों में बैठे भ्रम को दूर करती है। मरीजों को अस्पताल लाना हुआ आसान:-सासाराम शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद के अंतर्गत कार्यरत आशाकर्मी रामवती देवी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में इलाज और जांच कराने को लेकर अभी भी कही कही लोगों में नकारात्मक सोच देखी जा रही है। उन्हीं सोचों को बैठक कर दूर करने का प्रयास करती है। वही आशाकर्मी मीना कौर बताती है कि बैठक में सरकारी अस्पताल के एएनएन भी शामिल होती है जो लोगों की सभी गलतफहमी को दूर करने का प्रयास करती है। आशा कर्मियों ने बताया कि महिला आरोग्य समिति की लगातार बैठक होने से महिलाओं में जागरूकता आई है और हमलोगों को गर्भवती महिलाओं को एमएनसी जांच कराने में काफी सहयोग मिल रहा है। साथ ही सभी प्रकार के टीकाकरण और जांच के लिए लोग सरकारी अस्पतालों में जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। कुल 38 महिला आरोग्य समिति:-जिला शहरी स्वास्थ सलाहकार तारिक अनवर ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक आशा कर्मी को एक महिला आरोग्य समिति का गठन करना है। जिसमें आशाकर्मी सचिव होती है और उस क्षेत्र की तेज तर्रार महिला समाजसेवी या महिला जनप्रतिनिधि अध्यक्ष होती है जो लोगों के बीच पहुंच कर सरकार की योजनों को बता सके। सासाराम और डेहरी मिलाकर कुल 38 महिला आरोग्य समिति है जो पूरी तरह से कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि महिला आयोग समिति बनाए जाने से सरकारी अस्पतालों में सेवा लेने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है और सरकारी अस्पताल के प्रति लोगों के मन में जो नकारात्मक सोच है वह भी दूर हो रहा है। क्योंकि आशाकर्मी और ए एन एम के साथ स्थानीय महिला अध्यक्ष के सहयोग से महिलाओं से सीधा संवाद हो रहा है। जिस वजह से लोग सरकारी स्वास्थ्य सेवा के प्रति आश्वस्त हो रहे है। उन्होंने बताया कि महिला आरोग्य समिति की लगातार मॉनिटरिंग भी की जाती है और प्रत्येक सप्ताह बैठक कराने पर भी बल दिया जाता है। पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर शैलेश तिवारी ने बताया कि प्रत्येक महीने स्लम बस्तियों में महिला आरोग्य समिति की बैठक की जाती है जिसमें सरकार द्वारा चलाया जा रहे सभी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। साथ ही साथ उनके घर के नजदीक सरकारी अस्पताल में मिलने वाली सरकारी सुविधाओं के बारे में भी विशेष जानकारी दी जाती है और उन्हें अस्पताल तक पहुंचाने का कार्य भी इन समिति के सचिव एवं अध्यक्ष के द्वारा किया जाता है।

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