जिले में नाइट सी सेक्शन को बढ़ावा देने के लिए एफ आर यू को किया जा रहा दुरुस्त
सासाराम:- मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्य कर रही है और इसके लिए एफआरयू यानी फर्स्ट रेफरल यूनिट को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। रोहतास जिले में कुल 5 फर्स्ट रेफरल यूनिट मौजूद है जिसमें सासाराम सदर के अलावा डेहरी एवं विक्रमगंज अनुमंडल अस्पताल, नासरीगंज एवं नौहट्टा पीएचसी शामिल है। वही चेनारी पीएचसी को भी फर्स्ट रेफरल यूनिट के रूप में तैयार किया जा रहा है। फर्स्ट रेफरल यूनिट पर नाइट सी सेक्शन ( सिजेरियन ) को बढ़ावा देने के लिए इसे और बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। सदर अस्पताल सहित दोनों अनुमंडल अस्पतालों में को नाइट सी सेक्शन के लिए पूरी तरह फंक्शनल है। इन केंद्रों पर सिजेरियन के साथ साथ नाइट सी सेक्शन को बढ़ावा मिल सके इसके लिए भी जिला स्वास्थ्य समिति लगातार प्रयास कर रही है। पिछले 6 महीनों में 62 नाइट सी सेक्शन:-रोहतास जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति जनजागरूकता के माध्यम से बेहतर करने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा सिजेरियन प्रसव को भी बढ़ावा देने के लिए जिले के सभी लेबर रूम को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है और इसका बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहा है। जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 6 महीने में जिले में कुल 362 सिजेरियन प्रसव कराया गया, जिसमें 62 नाइट सी सेक्शन शामिल है। नाइट सी सेक्शन को बढ़ावा देने पर दिया जा रहा बल:-नाइट सी सेक्शन में सूबे के कई जिलों का बेहतर प्रदर्शन देखा गया है। रोहतास जिला में नाइट सी सेक्शन को बेहतर करने के लिए जिलाधिकारी ने भी दिशा निर्देश जारी किए है। इधर रोहतास जिला स्वास्थ्य समिति भी इसे बेहतर करने में जुटी है। हालांकि सिजेरियन प्रसव में पहले के अपेक्षा बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे है, परंतु नाइट सी सेक्शन के कमी को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति लगातार समीक्षा कर रही है और इसको बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। नाइट सी सेक्शन को बढ़ावा देने पर किया जा रहा कार्य:-सिविल सर्जन डॉ मणिराज रंजन ने बताया कि जिले के सदर अस्पताल के साथ साथ अनुमंडलीय अस्पतालों में लेबर रूम में बेहतर करने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा सभी फर्स्ट रेफरल यूनिट को बेहतर किया जा रहा है ताकि रात्रि में भी सिजेरियन प्रसव कराया जा सके। सिविल सर्जन ने कहा कि संस्थागत प्रसव को लेकर लोगों को लगातार जानकारी दी जा रही है।