कालाजार उन्मूलन को लेकर सदर प्रखंड के तीन गांवों में 15 दिनों तक चलेगा सर्वे

बक्सर:- जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर नए मरीजों की खोज शुरू हो चुकी है। इस क्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार और जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय द्वारा पुराना सदर अस्पताल परिसर से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। ताकि, कालाजार प्रभावित गांवों में लोगों को जागरूक करते हुए जांच कराने के लिए जागरूक किया जा सके। इस संबंध में डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि इस वर्ष जिले के सदर प्रखंड के तीन गांवों में सर्वे किया जाएगा।           जिनमें छोटका नुआंव, पड़री और साहोपाड़ा गांव शामिल हैं। जहां पर पिछले तीन वर्षों 2021 से 2023 तक कुल चार मरीजों की पुष्टि हुई थी। इसलिए इन गांवों में ही कालाजार के नए मरीजों की खोज के लिए सर्वे किया जाएगा। इसके लिए इन तीन गांवों के 1703 घरों में 10460 लोगों को चिह्नित किया गया है। साथ ही, सर्वे के लिए तीन आशा फैसिलिटेटर और तीन आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिनियुक्त किया गया है। जो प्रतिदिन 50-50 घरों में जाकर हर सदस्यों में कालाजार के लक्षणों को लेकर लोगों से पूछताछ करेंगी। अब तक मिले मरीजों के आधार पर किया जा रहा है सर्वे:-डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि कालाजार को लेकर हर वर्ष सर्वे किया जाता है। जिसमें पिछले तीन सालों में मिले कालाजार के मिले मरीजों के आधार पर प्रभावित गांवों में सर्वे किया जाता है। इस क्रम में 2021 से 2023 तक ही कालाजार के मरीज मिले हैं। जिनमें 2021 में छोटका नुआंव में एक, 2022 में पड़री में एक और 2023 में पड़री में एक और साहोपाड़ा में एक मरीज मिले थे। वहीं, इस वर्ष अब तक कोई मरीज नहीं मिले हैं। इसलिए विभाग के निर्देशानुसार इन्हीं गांवों में सर्वे किया जाना है। उन्होंने बताया कि यदि सर्वे के दौरान किसी व्यक्ति में कालाजार के लक्षण पाए जाएंगे तो उक्त व्यक्ति की जांच कराई जाएगी। जांच में कालाजार की पुष्टि होने पर उसका इलाज किया जाएगा। साथ ही, उक्त गांव में एसपी पाउडर का छिड़काव कराया जाएगा। लोगों को सतर्क और सावधान रहने की जरूरत:-वेक्टर जनित रोग अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि कालाजार से प्रभावित इलाके में लोग बुखार को हल्के में न लें। जिन इलाकों में कालाजार के मरीज मिलते हैं वहां एसपी पाउडर का छिड़काव के अलावा सर्वे कराया जाता है। ताकि, लोगों को कालाजार की चपेट में आने से बचाया जा सके। उन्होंने बताया, कालाजार के लक्षणों की पहचान होना बहुत जरूरी है।                             इसका असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है। यह परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलता है। इससे ग्रस्त मरीज खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है। रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लीवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली और होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। ऐसे में जब किसी में लगातार बुखार के लक्षण दिखाई दें, तो वो तत्काल जाकर उसकी जांच कराएं।

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