आयरन की कमी से छात्राओं में दिखते हैं एनीमिया के लक्षण:-बीएचएम

बक्सर:-जिले के सभी प्रखंडों में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसके लिए चयनित एचडब्ल्यूसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के लिए तैयार किया जा रहा है।           जिनमें से एक सदर प्रखंड अंतर्गत नदांव एचडब्ल्यूसी को भी एनक्यूएएस के लिए तैयार किया जा रहा है। इस क्रम में शनिवार को आउटरीच प्रोग्राम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। जिसमें जिसमें नदांव एचडब्ल्यूसी के सहयोग से उच्च विद्यालय के द्वारा अनीमिया मुक्त भारत स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत टी-थ्री कैंप का आयोजन किया गया। आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यालय के शिक्षिकाओं और छात्राओं में हीमोग्लोबिन का स्तर जांचकर अनीमिया की रोकथाम और उपचार सुनिश्चित करना था। मौके पर प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक प्रिंस कुमार सिंह ने बताया कि स्कूली छात्राओं में विशेषकर आयरन की कमी से एनीमिया के लक्षण दिखते हैं।           भारत में बच्चों और महिलाओं के बीच एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती है। जांच टीम द्वारा प्रत्येक छात्राओं का हीमोग्लोबिन जांचने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया। जिसकी रिपोर्ट तत्काल दिया गया। हीमोग्लोबिन की जांच के बाद, जिन बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य से कम पाया गया, उनके बीच आयरन सिरप और आईएफए (आयरन और फोलिक एसिड) टैबलेट्स वितरित किए गए। इन सप्लीमेंट्स का उद्देश्य छात्राओं में आयरन की कमी को पूरा कर एनीमिया को दूर करना था।छात्राओं को दी गई सुमन-के की जानकारी:-सीएचओ प्रियंका सिंह ने स्कूली छात्राओं के बीच स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत हैंड वाश और सैनिटरी पैड की विस्तृत जानकारी दी गई।           उन्होंने बताया कि एनीमिया से बचने के लिए स्वच्छता जरूरी है। साफ सफाई न रहने से बच्चों और बच्चियों के शरीर में कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं। जिसके कारण वो बार बार बीमार पड़ते हैं। इस लिए भोजन करने के पहले सभी को अच्छे से हाथ धोना चाहिए। हाथों की सफाई के लिए सुमन-के प्रक्रिया सबसे बेहतर है। सुमन-केे को अंग्रेजी अक्षरों में एस का मतलब समझाया गया कि सीधा हथेली करके धुलना, यू से उल्टा करें, एम से मुठ्ठी को बंद करके, ए से अंगूठा को हथेली के बीच दबाकर, एन से नाखून को हथेली में घिसना व के से कलाई को सीधा करके करीब 20 सेकेंड से धोना है। ताकि, हाथों के जरिए कीटाणु शरीर ने ना प्रवेश कर सकें।आयुष्मान कार्ड बनाने की हुई समीक्षा:-वहीं स्कूल में कार्यक्रम के समापन के बाद एचडब्ल्यूसी पर आयुष्मान कार्ड बनाने की समीक्षा की गई। जिसमें बीएचएम प्रिंस कुमार सिंह ने आशा फैसिलिटेटर के साथ साथ सभी आशा कार्यकर्ताओं को प्रति दिन पांच पांच आयुष्मान कार्ड बनाने का निर्देश दिया दिया।          वहीं, 70 वर्ष से अधिक उम्र के लाभुकों का वय बंधन योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है। इसके लिए 70 वर्ष व उससे अधिक उम्र के लाभुकों का राशन कार्ड में नाम होना अनिवार्य नहीं है। उनके आधार नंबर के माध्यम से भी आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। मौके पर एएनएम पूनम कुमारी, पिरामल प्रतिनिधि संगीता कुमारी, शिक्षकों में सुरेंद्र चौधरी, शकुंतला कुमारी, दीपा राय एवं विद्यालय क़े छात्र व छात्रायें उपस्थित रहे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com