प्रशिक्षण में आशा को कालाजार बीमारी व उसके बचाव के बारे में दी गयी जानकारी:-एमओआईस

पटना:-कालाजार नियंत्रण को लेकर सिंथेटिक पैराथायराइड (एसपी) का फोकल स्प्रे तथा कालाजार के संभावित मरीजों की खोज को लेकर मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फुलवारीशरीफ में आशा दीदी को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान आशा दीदी को कालाजार बीमारी और उससे बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।          इस मौके पर एमओआईसी डॉ राजकिशोर चौधरी ने आशा दीदी को बताया कि कालाजार बीमारी बालूमक्खी के काटने से होता है। क्योंकि अत्यधिक नमी एवं अंधेरे वाले स्थान पर कालाजार की मक्खियां ज्यादा फैलती हैं। लेकिन इससे ग्रसित मरीजों का इलाज आसानी से संभव है। उन्होंने बताया कि संभावित कालाजार मरीज होने के कई लक्षण हैं। जैसे अमूमन दो सप्ताह से अधिक बुखार, पेट के आकार में वृद्धि, भूख नहीं लगना, उल्टी होना और शरीर में खून की कमी होने लगती है। इसके अलावे कई अन्य कालाजार बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। ऐसे लक्षण वाले मरीजों को विसरल लीशमैनियासिस (वीएल) कालाजार की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसा लक्षण शरीर में महसूस होने पर ग्रसित मरीज को अविलंब जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान कालाजार मरीज को डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना अपने आप दवा लेना बंद नहीं करना चाहिए। डॉक्टर के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके अलावे उपचार के दौरान किसी प्रकार की परेशानी आने पर नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाना चाहिए या अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता को सूचित करना चाहिए। इसका इलाज कराने के बाद भी ग्रसित मरीज को सुरक्षित रहना अति आवश्यकता होता है। प्रशिक्षण में उपस्थित भीवीडीएस सलाहकार कल्याणी ने बताया कि पोस्ट कालाजार डर्मल लिश्मनिअसिस पीकेडील यह कालाजार का अति गंभीर रूप है। जिसमें कालाजार का परजीवी त्वचा में इकटृठा हो जाता है। इसमें मरीज के शरीर पर, खासकर चेहरे और गर्दन पर सफेद दाग या गांठ बन जाता है। इसके अलावे भी पीकेडीएल कालाजार के कई अन्य लक्षण हैं।           जैसे ही आप आशा दीदी को इस प्रकार के संभावित मरीज मिले तो आप उन्हें सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर कालाजार की जांच कराने के लिए उन्हें प्रेरित करें। साथ ही उन लोगों को तत्काल इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाएं। प्रशिक्षण में हेल्थ मैनेजर शिप्रा चौहान, बीसीएम अंबिका प्रसाद और एसआई संतोष कुमार के अलावे दर्जनों आशा दीदी प्रशिक्षण में मौजूद थीं।

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