तेजस्वी जी ‘लिडर ऑफ कमिटमेंट’ बन चुके हैं:-चित्तरंजन गगन

पटना:- नेता प्रतिपक्ष के ‘कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम’ का चौथा चरण आज समाप्त हो गया। इन चार चरणों में उन्होंने अबतक 19 जिला के 109 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित कर चुके हैं।
उक्त जानकारी देते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बताया कि कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने से कार्यकर्ताओं में एक नयी उर्जा का संचार हुआ है।‌ कार्यकर्ताओं द्वारा मिले फीडबैक के आधार पर तेजस्वी जी द्वारा बिहार को विकसित राज्य बनाने को लेकर कई कार्यक्रमों की घोषणा की गई है जिसका व्यापक स्तर पर स्वागत किया गया है। तेजस्वी यादव की पहचान ‘लिडर ऑफ कमिटमेंट’ के रूप में बन चुकी है।           लोगों को भरोसा है कि वे जो संकल्प लेते हैं अवसर मिलने पर उन संकल्पों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता भी दिखती है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने जो वादे किए थे, सत्रह महिने उपमुख्यमंत्री रहने का मौका मिला तो उन वादों को पूरा करके दिखा दिया है। राजद प्रवक्ता ने बताया कि कार्यकर्ताओं के साथ संवाद के दौरान तेजस्वी यादव ने अपने भावी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा है कि उनकी सरकार बनने पर ‘माई बहिन मान योजना’ लाएगी और सभी महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह उसके खाते में भेज दिए जाएंगे। वृद्धावस्था पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति माह कर दिया जाएगा। 200 यूनिट बिजली मुफ्त में दी जाएगी। सीमांचल और कोशी क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए ‘सीमांचल डेवलपमेंट अथॉरिटी’ एवं ‘कोशी डेवलपमेंट अथॉरिटी’ का गठन किया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर आने-जाने और ठहरने की खर्चा सरकार वहन करेगी। राजद प्रवक्ता ने बताया कि तेजस्वी जी द्वारा घोषित यह कार्यक्रम बिहार के विकास में मिल का पत्थर साबित होगा। जो लोग इन घोषणाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं ये वे ही लोग हैं जो पहले शिक्षकों के बहाली, संविदा कर्मियों के मानदेय में वृद्धि एवं नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने पर सवाल खड़े कर रहे थे। और आज उपलब्धि लेने के लिए बेचैन हो रहे हैं। राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जी ने जो घोषणाएं की है उसे मूर्तरूप देने के लिए सारे वैज्ञानिक आंकड़े की समीक्षा कर चुके हैं। एनडीए नेताओं की तरह यह हवा-हवाई नहीं है। इसीलिए एनडीए नेताओं की पहचान ‘कैचफ्रेज लीडर’ के रूप में हो रही है जबकि तेजस्वी यादव की पहचान ‘लीडर ऑफ कमिटमेंट’ के रूप में बन चुकी है।

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