1006 विद्यालयों में 87902 छात्राओं की हुई हीमोग्लोबिन जांच

सासाराम:- गर्भवती महिलाओं को खून की कमी से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए सरकार विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को उचित खान-पान की विशेष ध्यान देने को लेकर जागरूकता अभियान के साथ-साथ विवाह पूर्व युवतियों में खून की कमी को पूरा करने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। इसके लिए विद्यालय स्तर से ही युवतियों में खून की कमी की जांच कर उचित आहार के साथ-साथ पोषक तत्व दिए जा रहे हैं ताकि विवाह के बाद गर्भावस्था के दौरान खून की कमी न हो। इधर एनीमिया मुक्त भारत हेतु रोहतास जिले के सभी विद्यालयों में हीमोग्लोबिन की लगातार जांच की जा रही है। रोहतास जिले में कुल 2295 विद्यालय है जहां चार लाख 49 हजार 47 छात्र- छात्राएं नामांकित है। जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार पिछले डेढ़ महीने से लगातार जिले के विभिन्न विद्यालयों में कैंप लगाकर छात्राओं का हीमोग्लोबिन जांच किया जा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक 1006 विद्यालयों में 87902 छात्राओं का हीमोग्लोबिन जांच किया जा चुका है। 817 छात्राएं मिली एनीमिक:-जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में जांच के दौरान 38763 छात्राओं में 11 ग्राम से अधिक खून की मात्रा पाई गई जबकि 817 छात्राओं में 7 ग्राम से कम खून पाया गया।           स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार 5 से 11 वर्ष की 14847 बालिकाओं में 11 ग्राम से अधिक खून पाया गया जबकि 446 बालिकाओं में 7 ग्राम से कम खून पाया गया। वही 12 से 14 वर्ष की 23780 बालिकाओं में 11 ग्राम से अधिक खून पाया गया जबकि 368 बालिकाओं में 7 ग्राम से कम खून पाया गया। बढ़ते उम्र के साथ उचित आहार जरूरी:-सासाराम सदर अस्पताल की महिला चिकित्सा पदाधिकारी सह ब्लड बैंक की नोडल पदाधिकारी डॉक्टर संध्या रंजन ने बताया कि बढ़ते उम्र के साथ-साथ खान-पान पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि शरीर को उचित पौष्टिक आहार नहीं मिलेगा तो खून की कमी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 11 से 12 ग्राम हीमोग्लोबिन वाली युवतियां पूरी तरह से स्वस्थ्य मानी जाती है जबकि 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन वाली युवतियां एवं महिलाएं एनेमिक की श्रेणी में आती है, इसलिए उन्हें उचित आहार लेने की आवश्यकता है। खून की कमी को दूर करने के लिए आयरन युक्त उचित आहार अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में आयरन युक्त गोली मौजूद है लोग अपने घर के नजदीकी अस्पताल से इसे निशुल्क ले सकते हैं। बच्चों के माता-पिता को अपने बच्चों की थोड़ी निगरानी करनी होगी और बढ़ते उम्र के साथ पौष्टिक आहार देना शुरू करना चाहिए। सभी विद्यालयों में हीमोग्लोबिल जांच होगी:-डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि एनीमिया मुक्त भारत के तहत रोहतास जिले के सभी सरकारी विद्यालयों के साथ साथ निजी विद्यालयों में कैंप लगाकर हीमोग्लोबिन की जांच की जा रही है, ताकि एनीमिया से पीड़ित बच्चियों की पहचान किया जा सके और समय से उनका इलाज और दवा दिया जा सके। उन्होंने बताया कि जिले के सभी विद्यालयों में अध्यनरत छात्राओं का हीमोग्लोबिन जांच किया जाएगा।

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