एसएनसीयू में प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन की व्यवस्था

सासाराम:-शिशु मृत्यु दर को कमी लाने के लिए सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच की सुविधा के साथ नवजात शिशुओं के लिए जीवन रक्षक कही जाने वाली (एसएनसीयू) यानी विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई को लगातार बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इस इकाई में कम वजन वाले नवजात शिशुओं का बेहतर प्रबंधन के साथ यांत्रिक वेंटिलेशन की जरूरत वाले शिशुओं का प्रबंध सहित कई सेवाएं प्रदान की जाती है। इधर सासाराम सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू को लगातार बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि जिले में शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके और इसमें एसएनसीयू कारगर साबित हो रहा है। वही एसएनसीयू में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कई विशेष इंतजाम भी किए गए हैं जो एसएनसीयू में बेहतर सुविधा और प्रबंधन को लेकर बिहार में अपना स्थान बनाए हुए है। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एसएनसीयू तैयार:-एसएनसीयू में मुख्यतः सांस लेने में तकलीफ वाले नवजात के साथ-साथ कम वजन वाले नवजातों को भर्ती किया जाता है और ऐसे बच्चों के लिए लगातार ऑक्सीजन की उपलब्धता महत्वपूर्ण मानी जाती है।          इसके लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने एसएनसीयू में प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर का तो इंतजाम किया ही है, साथ ही एसएनसीयू को सदर अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन प्लांट से भी जोड़ने का कार्य कर दिया है, ताकि 24 घंटे ऑक्सीजन की सप्लाई होती रहे। इतना ही नहीं इसके अलावा काफी मात्रा में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को भी रखा गया है ताकि ऑक्सीजन सिलेंडर एवं ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई बाधित होने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से नवजातों की जिंदगी बचाई जा सके। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बना था जीवन रक्षक:-शुक्रवार को सदर अस्पताल के मातृ शिशु अस्पताल स्थित पीडियाट्रिक वार्ड और पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में अचानक ऑक्सीजन पाइप लाइन में लीकेज हो गया था जिससे पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में अफरा तफरी मच गई थी। घटना के बाद मातृ शिशु अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई को पूरी तरह बंद कर दिया गया जिस कारण एसएनसीयू में भर्ती नवजातों पर भी खतरा मंडराने लगा। घटना के दौरान एसएनसीयू में लगभग 17 नवजात भर्ती थे। ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए एसएनसीयू में कार्यरत स्टाफ नर्सों ने सूझबूझ दिखाते हुए इलाज के लिए उपलब्ध संसाधनों को जुटाने में लग गई और सदर अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को तत्काल उपयोग में लाया। इस तरह से एसएनसीयू में आठ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाकर सांस लेने में तकलीफ वाले नवजातों की जान बचाई गई। आपातकालीन के लिए सदर अस्पताल तैयार:-अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि सासाराम का सदर अस्पताल कई सुविधाओं से पूरी तरह से लैस हो चुका है और हम विशेष परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल से लेकर अब तक सदर अस्पताल में कई बेहतर संसाधन उपलब्ध हुए हैं जो आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए उपयोगी है। डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल का एसएनसीयू एक महत्वपूर्ण इकाई है इसलिए इस पर विशेष नजर रखी जाती है।

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