उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की हुई बैठक

सहरसा:- उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कृषि टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा उर्वरक, बीज वितरण, डिजीटल क्रॉप सर्वे, फसल क्षति आवेदन निष्पादन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भौतिक सत्यापन, कृषि यांत्रिकरण योजना संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी।          रबी मौसम में पाँच प्रकार का बीज मसूर, सरसों, मटर एवं गेहूँ का कुल प्राप्त बीज 9128.36 क्विंटल विभाग द्वारा प्राप्त कराया गया था। जिसे 23146 किसानों के बीच ऑनलाईन के माध्यम से वितरित किया गया। मसूर, सरसों एवं गेहूँ बीज वितरण में सहरसा जिला राज्य में प्रथम स्थान पर रहा। इस संबंध में उप विकास आयुक्त द्वारा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविष्य में इसी प्रकार कार्य करने हेतु निदेशित किया गया। अभी जिले में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में प्रखंडवार उपलब्ध है, जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्त्तमान में 89328 बैग यूरिया, 38396 बैग डीएपी, 86173 बैग एमओपी, 37339 बैग एनपीके एवं 11785 बैग एसएसपी उपलब्ध है। उर्वरक नमूना की समीक्षा के क्रम में अप्रैल से दिसम्बर 2024 तक का लक्ष्य 147 के विरूद्ध 145 नमूना संग्रहित किया गया है। ऑनलाईन बीज एवं उर्वरक अनुज्ञप्ति प्रतिवेदन की समीक्षा के क्रम में बीज, उर्वरक अनुज्ञप्ति में निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पाया गया। उर्वरक प्रतिष्ठानों के निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा में कुल 316 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 56 प्रतिष्ठानांं में अनियमितता पायी गयी, जिसमें 04 की अनुज्ञप्ति निलंबित किया गया, 03 रदद् किया गया है एवं 56 से स्पष्टीकरण पृच्छा की गयी है। उर्वरकों की उपलब्धता के सत्यापन हेतु मशीन एवं भौतिक स्थिति की जांच तथा थौक उर्वरक विक्रेताओं के उर्वरक की उपलब्धता की भौतिक जांच हेतु निदेशित किया गया। सहायक निदेशक, यांत्रिकरण द्वारा बताया गया कि कृषि यांत्रिकरण योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 282.35 लाख का लक्ष्य के विरू़द्व 178.90 लाख की उपलब्धि प्राप्त है, जो 64.49 प्रतिशत है। राज्य में व्यय प्रतिशत में सहरसा प्रथम स्थान पर है। यांत्रिकरण योजना में अपेक्षित प्रगति होने पर उप विकास आयुक्त द्वारा प्रशंसा की गई एवं इसी प्रकार कार्य करने हेतु निदेशित किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत सहरसा में कुल 40 आवेदन के विरूद्ध शत-प्रतिशत निष्पादित किया गया। समीक्षा के क्रम में 99 प्रतिशत आवेदन निष्पादित पाया गया, शेष 1 प्रतिशत लंबित पाया गया। निष्पादन हेतु 1493 आवेदन लंबित पाया गया। जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उसी में से सोनवर्षा प्रखंड में कुल 430 किसान सीतामढ़ी जिले के हैं, जिनका नाम हटाने हेतु अपर निदेशक (शष्य)-सह-राज्य नोडल पदाधिकारी, पी०एम० किसान, बिहार, पटना को भेजा गया। विकास आयुक्त द्वारा लंबित आवेदनों को यथाशीघ्र निष्पादित करने हेतु निदेशित किया गया। सहायक निदेशक रसायन की समीक्षा के क्रम में कुल लक्ष्य 9300 के विरूद्ध प्रयोगशाला में 8740 नमूना प्राप्त है, जिसमें 7062 नमूना के विश्लेषण उपरांत ऑनलाईन मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्मित है एवं 7062 कार्ड वितरित किया गया। उप विकास आयुक्त द्वारा सहायक निदेशक रसायन को मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्माण एवं वितरण में तेजी लाने का निदेश दिया गया। लघु सिंचाई अंतर्गत सहायक अभियंता, लघु सिंचाई द्वारा बताया गया कि वर्त्तमान में कुल 62 टयूबवेल में 47 कार्य कर रहे है, शेष 15 में यांत्रिक खराबी है, जिसे ठीक कराया जा रहा है। उप विकास आयुक्त द्वारा निदेशित किया गया कि यथा शीघ्र यांत्रिक खराबी को ठीक कराया जाय। सहायक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल, सहरसा द्वारा रबी सिंचाई अंतर्गत 7448 हेक्टेयर लक्ष्य के विरूद्ध 906 हेक्टेयर की उपलब्धि प्राप्त है। नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंच रहा है।          कार्यपालक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल, सहरसा बिना सूचना के बैठक से अनुपस्थित पाये गये इस संबंध में स्पष्टीकरण की पृच्छा की गई। सहकारिता की समीक्षा के क्रम में जिला सहकारिता पदाधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि बिहार राज्य फसल सहायता योजना अंतर्गत पुनः सत्यापन हेतु 22589 कृषकों का सत्यापन करना है जिसमें 21883 कृषकों का सत्यापन किया गया है। सहकारिता पदाधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि शेष सत्यापन एक सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा। उप विकास आयुक्त द्वारा निदेशित किया गया कि यथाशीघ्र संबंधितों से सत्यापन कराना सुनिश्चित करें। जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें कार्यान्वित योजनाओं यथा-मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना एवं अन्य योजनाओं में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत उपलब्धि हेतु उप विकास आयुक्त द्वारा निदेशित किया गया। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि ईयर टैगिंग में 780000 लक्ष्य के विरूद्ध 709412 उपलब्धी जो 90.95 प्रतिशत है। इनके द्वारा बताया गया कि शेष की उपलब्धी टीकाकरण के साथ ही कर ली जायेगी। दिये गये प्रतिवेदन में विभिन्न घटकों में प्रगति 50 प्रतिशत से कम है। निदेशित किया गया कि संबंधित घटकों का समीक्षा कर उपलब्धि बढ़ाने हेतु अग्रेतर कार्रवाई करें साथ ही काम नहीं करने वाले पशु चिकित्सक को अपने स्तर से स्पष्टीकरण की पृच्छा करें। उप विकास आयुक्त द्वारा सभी योजनाओं में प्रगति हेतु निदेशित किया गया। महाप्रबंधक उद्योग द्वारा बताया गया कि योजनान्तर्गत में कुल लक्ष्य 220 के विरूद्ध 1148 आवेदक बैंकों को अग्रसारित किया गया है, जिसमे बैंकों द्वारा 135 आवेदन स्वीकृत किया गया एवं 256 आवेदन बैंक स्तर पर लंबित है। योजना अंतर्गत कुल लक्ष्य 129 के विरूद्ध 633 आवेदक बैंकों को अग्रसारित किया गया है, जिसमे बैंकों द्वारा 124 आवेदन स्वीकृत किया गया एवं 174 आवेदन बैंक स्तर पर लंबित है। उप विकास आयुक्त द्वारा महाप्रबंधक उद्योग को आवेदनों के निष्पादन हेतु संबंधित बैंकों से समन्वय स्थापित कर लक्ष्य प्राप्ति हेतु निदेशित किया गया। गव्य विकास की समीक्षा के क्रम में जिला गव्य विकास पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि समग्र गव्य विकास योजना अंतर्गत कुल भौतिक लक्ष्य 90 के विरूद्ध 32 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 18 आवेदन बैंक को भेजे गए हैं, जिसमें 0 स्वीकृत किया गया है। देसी गौपालन प्रोत्साहन योजना अंतर्गत कुल भौतिक लक्ष्य 37 के विरूद्ध 543 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 92 आवेदन बैंक को भेजे गए, जिसमें 33 आवेदन बैंक द्वारा स्वीकृत किया गया। उप विकास आयुक्त द्वारा निदेशित किया गया कि सभी संबंधित बैंको से समन्वय स्थापित कर अधिक-से-अधिक आवेदन निष्पादित कराना सुनिश्चित करें।
मापतौल की समीक्षा के क्रम में निरीक्षक मापतौल बिना सूचना के अनुपस्थित पाये गये। प्रतिवेदन में राजस्व संकलन का वार्षिक लक्ष्य 69 लाख प्राप्त है, जिसके विरूद्ध कुल 32.66 लाख की वसूली की गयी है, जो 47.33 प्रतिशत है। उप विकास आयुक्त द्वारा खेद प्रकट करते हुए बिना सूचना के अनुपस्थित मापतौल निरीक्षक को स्पष्टीकरण की पृच्छा करते हुए वेतन स्थगित करने का निदेश दिया गया। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, परियोजना निदेशक, आत्मा, महाप्रबंधक उद्योग, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, वरीय वैज्ञानिक -सह- प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, सहरसा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, सहायक निदेशक, पौधा सरंक्षण, सहायक निदेशक, रसायन, सहायक निदेशक, बीज विश्लेषण, डीडीएम नाबार्ड, अग्रणी बैंक प्रबंधक, सहरसा, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, सहरसा, कार्यपालक अभियंता, विद्युत, सिमरी बख्तियारपुर, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई, सहायक अभियंता, सिंचाई प्रमंडल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, जीविका, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सदर, सिमरी बख्तियारपुर, जिला परामर्शी, जिला कृषि कार्यालय, सहरसा एवं सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सहरसा आदि ने भाग लिया।

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