एमएमडीपी किट के नियमित प्रयोग से हाथीपांव के मरीजों को मिलेगा लाभ

पटना:- फाइलेरिया जानलेवा नहीं,पर एक घातक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग फाइलेरिया बीमारी से बचाव के लिए कई प्रकार के अभियान चला रहा है। ताकि फाइलेरिया बीमारी का उन्मूलन अपने राज्य से जल्द से जल्द हो सके। इसी मुहिम के तहत शनिवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सगुनी, मसौढ़ी में रेवा पंचायत के मुखिया रामकृपाल प्रसाद और सीएचओ प्रीति कुमारी की उपस्थिति में 13 हाथीपांव से ग्रसित मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया।         इस दौरान सीएचओ प्रीति कुमारी ने फाइलेरिया मरीज इंद्रमणि देवी के पैरों की साफ-सफाई कर कार्यक्रम में मौजूद फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी का प्रशिक्षण के बारे में बताया। सीएचओ ने कहा कि एमएमडीपी किट का नियमित इस्तेमाल कर हाथीपांव के मरीज अपने बीमारी की बढ़ोतरी पर काबू पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए मरीजों को स्वयं जागरूक होना होगा। तभी जाकर उन्हें हाथीपांव से राहत मिलेगी। सीएचओ प्रीति कुमारी ने कहा कि लिम्फेटिक फाइलेरियासिस यानी फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं होने से लोग दिव्यांग बन सकते हैं। इसलिए सरकार ने फाइलेरिया को मिटाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। मरीजों को दिया गया आवश्यक प्रशिक्षण और किट:-एमएमडीपी किट में मरीजों को डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया, और अन्य सामग्री प्रदान की गई।           साथ ही सीएचओ ने मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की नियमित देखभाल के तरीके सिखाए। मरीजों को बताया गया कि कैसे डेटॉल साबुन से सफाई और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग संक्रमण को नियंत्रित कर सकता है। रोग की पहचान होने पर इसे रोकना संभव:-रेवा पंचायत के मुखिया रामकृपाल प्रसाद ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता । लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि संक्रमित होने के बाद मरीजों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई सहित अन्य बातों को समुचित ध्यान रखना जरूरी होता है।
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद इस मौके पर भीवीडीएस मनीष कुमार, पिरामल के प्रखंड समन्वयक खुशबू कुमारी,सिफार के प्रोजेक्ट एसोसिएट विकास चौहान, फाइलेरिया मरीज सुनीता देवी, पार्वती देवी, सोनपरी देवी, मुन्ना कुमार, इंद्रमणि देवी, मुन्ना कुमार, धर्मेश रविदास, माला सिंह, आशा अलका कुमारी, गीता देवी, ममता कुमारी, कुसुम देवी और जीविका सीएम रिंकी देवी मौजूद थी

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