राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

सहरसा:-राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के अवसर पर भारती मंडन मिश्र धाम पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया गया। विधिक जागरूकता कार्यक्रम का अध्यक्षता प्रखण्ड विकास पदाधिकारी महिषी सुशील कुमार ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन का प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विधिक सेवाएं गरीबी एक बहुआयामी अनुभव है और केवल आप सम्बंधित समस्याओं तक सीमित नही होती हैं।           बहुआयामी गरीबी स्वास्थ्य (मानसिक स्वास्थ्य को शामिल करते हुए) घर, आहार, रोजगार, पेंशन, मैत्रिक देखरेख, शिशु-भरण पोषण, पानी, शिक्षा, सफाई, सहायता एवं मौलिक सेवाओं, सामाजिक निष्कासन, पक्षपात इत्यादि जैसी समस्याओं को शामिल किये हुए है जिसकी निराकरण करती है। असंगठित क्षेत्रों के सभी वर्गो के कामगारों की अनेक वर्ग के लिए उपलब्ध योजनाओं के अंतर्गत संबंधित प्राधिकरण में पंजीकरण के लिए सहायता एवं सलाह देना हैं। नशा पीडितों एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाऐं पर कहा कि नवयुवकों, किशोरों एवं बालकों में ड्रग तस्करी एवं दुरुप्रयोग की असधारण बढ़ोतरी गंभीर व जटिल निहितार्थ सूचित करती हैं जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं अर्थव्यवथा को बुरी तरह प्रभावित करती है। इसकी रोकथाम राज्य के साथ साथ समाज की सर्वोत्तम प्राथमिकता है। मानसिक रूप से बीमार एवं मानसिक विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाऐं पर कहा कि मानसिक रूप से अस्वस्थ एवं अशक्त व्यक्तियों सहित अपने मानव अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को अन्य लोगों के साथ समानता के आधार पर उपभोग कर पा रहे हैं और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उन्हे विधि के समकक्ष समान मान्यता और विधि से समान रक्षा मिलें। वरिष्ठ नागरिकों के विधिक सेवाऐं पर कहा वरिष्ठ नागरिकों को कानून में भरण पोषण का प्रावधान हैं वहीं सरकार की ओर से भी पेंशन, स्वास्थ्य संबंधों योजना है। आपदा पीडितों को विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से विधिक सेवाऐं पर कहा प्रशासन और सरकार के धोषणा को पुल का कार्य करते हुए विधिक सेवाऐं सहयोग करती है। आदिवासी के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन के लिए विधिक सेवाऐं और तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीडितों के लिए विधिक सेवाऐं पर कहा समस्त आयु समूह की महिलाओं को सम्मिलत करते हुए अवैध व्यापार के पीड़ितों एवं प्रत्येक स्तर पर अर्थात रोकथाम, बचाव एवं पुनर्वास के सम्बन्धें का समाधान करने विधिक सहायता प्रदान करना हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सहरसा के पैनल अधिवक्ता सह महिषी थाना के पैनल अधिवक्ता आदित्य ठाकुर ने बच्चों मैत्रीपूर्ण और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं पर कहा यह कभी भी प्रश्नगत नही किया जा सकता कि बच्चें किसी समाज का सबसे असुरक्षित हिस्सा होते है।            इसके लिए किशोर न्याय (देखभाल एवं बच्चों का संरक्षण) अधिनियम-2000 बना है। विधिक सेवाऐं बच्चों तक पहुंचाने के लिए मूल अधिकारों एवं लाभों की रूपरेखा बनाती है। एसिड हमले के पीड़ितों के लिए विधिक सेवाऐं पर कहा एसिड हमलों के सभी पीडितों को प्राथमिकता के आधार पर कानूनी सहायता की जाती हैं ताकि वे पीडित क्षतिपूति योजना के लाभों को प्राप्त करने में सक्षम हो सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकार इस योजना के प्रयोजनार्थ कम से कम एक पैनल अधिवक्ता को विधिक सेवा अधिकारी के रूप में पद नामित करती है। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से पूर्व सरपंच निशाकान्त ठाकुर, अनदुरूद्व राम, झकस सादा, पूर्व समिति समीर ठाकुर, संजीव कुमार आदि दर्जनों ने भाग लिए। विधिक जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में पारा विधिक स्वयंसेवक नीरज कुमार गुप्ता का सहयोग सराहनीय रहा।

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