कैंप लगाकर 50 से अधिक हाइड्रोसिल पीड़ित मरीजों का किया जा चुका है सफल ऑपरेशन

सासाराम:- रोहतास जिला को फाइलेरिया से मुक्ति लाने के लिए जिले के विक्रमगंज अनुमंडल अस्पताल में भी हाइड्रोसिल ऑपरेशन कैंप लगाकर कुल 18 लोगों का हाइड्रोसील बीमारी का सफल ऑपरेशन किया गया। कैंप में मौजूद डॉक्टर उत्पल कांत एवं डॉ शशिकांत प्रभाकर ने सभी हाइड्रोसील पीड़ित मरीजों का सफल ऑपरेशन कर उन्हें इस बीमारी से छुटकारा दिलाया। रोहतास जिले में कुल 377 हाइड्रोसील बीमारी से पीड़ित मरीजों को लक्षित किया गया है और उनका ऑपरेशन को लेकर 17 जनवरी से अभियान की शुरुआत की गई है। अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 57 लोगों का सफल हाइड्रोसील का ऑपरेशन किया जा चुका है। सभी ऑपरेशन कर चुके लोग पूरी तरह से स्वस्थ बताए जा रहे हैं। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जयप्रकाश गौतम ने बताया कि बिक्रमगंज में 21 के आसपास हाइड्रोसील पीड़ित मरीज पहुंचे थे जिनमें से दो लोगों में जांच के दौरान हर्निया पीड़ित पाए गए और बाकी लोग हाइड्रोसील बीमारी से पीड़ित थे। उन्होंने बताया कि सभी हाइड्रोसील पीड़ित मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया। वही वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी रोशन कुमार सिंह ने बताया कि कैंप को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और सहयोगी संस्थाओं के साथ-साथ आशा कर्मियों एवं जनप्रतिनिधि माध्यम से लोगों को इस बीमारी का ऑपरेशन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से निशुल्क किया जा रहा है। आज लगेगा करगहर में कैंप:-हाइड्रोसील बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए प्रखंड स्तर पर कैंप लगाकर पीड़ित मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। अभियान का पांचवा कैंप आज करगहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगाया जाएगा, जहां करगहर के साथ-साथ कोचस के पीड़ित मरीजों का ऑपरेशन किया जाएगा। करगहर एवं कोचस से मिलाकर कुल 24 हाइड्रोसील पीड़ित मरीज चिन्हित किए गए हैं और इन सभी लोगों को ऑपरेशन करने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। साथ ही उन्हें ऑपरेशन के फायदे के बारे में भी बताया जा रहा है। हाइड्रोसिल बीमारी भी है फाइलेरिया:-सिविल सर्जन डॉ मणिराज रंजन ने बताया कि हाइड्रोसील बीमारी भी फाइलेरिया है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया में जहां पैर हाथीपांव के समान हो जाता है। वही हाइड्रोसिल में अंडकोष में सुजन आ जाती है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी भी क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। हाथीपांव का कोई इलाज नहीं है परंतु हाइड्रोसील ऑपरेशन के माध्यम से ठीक हो सकता है। सिविल सर्जन ने बताया कि हाइड्रोसील बीमारी का एक छोटा और सरल ऑपरेशन होता है जो पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि कैंप के माध्यम से हाइड्रोसील पीड़ित लोगों का ऑपरेशन किया जा रहा है जो आगामी 25 मार्च तक जारी रहेगा।