एमडीए अभियान में सीएचओ भी निभाएंगी सुपरवाइजर की भूमिका

पटना:- “सभी 24 जिलों के सीएचओ एमडीए अभियान के दौरान दवा सेवन के सभी पहलुओं पर नजर रखेंगे और इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।           सभी सीएचओ दवा सेवन की डेली कवरेज, दवा सेवन से इंकार करने वाले लोगों की संख्या, दवा सेवन के बाद किसी को कोई समस्या आदि जैसे कार्यों पर नजर रखेंगे और अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे. एमडीए अभियान विश्व का सबसे बड़ा दवा सेवन कार्यक्रम है और फ़ाइलेरिया उन्मूलन की लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी को दवा खाना जरुरी है. एमडीए कार्यक्रम के दौरान 14 दिनों में घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी, वहीं, 3 दिनों के लिए स्कूलों में एवं मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में में 17 दिनों का बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी, इसके जरिये अधिक से अधिक दवा सेवन को सुनिश्चित करने में आसानी होगी”, उक्त बातें अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फ़ाइलेरिया डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बतायीं. 10 फ़रवरी से शुरू होने वाले एमडीए अभियान में सीएचओ भी सुपरवाइजर की भूमिका निभाएंगी. सभी 24 जिले जहाँ एमडीए अभियान फ़रवरी में प्रस्तावित है इस संबंध में सीएचओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, विदित हो कि सुहर्ष भगत, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार के पत्र के अलोक में राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण ( स्टेट टीओटी ) 19 दिसंबर को दिया जा चुका है। पिरामल स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, एनटीडी, बासब रूज ने बताया कि आगामी एमडीए अभियान के दौरान सीएचओ की भूमिका अहम होगी. पंचायत स्तर पर शत प्रतिशत दवा का सेवन सुनिश्चित करने में उनकी अग्रणी भूमिका रहेगी. उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से सभी सीएचओ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बासब रूज ने बताया कि एनटीडी दिवस पर पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से पटना म्यूजियम एवं चयनित रेलवे स्टेशन पर भी तस्वीर एवं विडियो के माध्यम से जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया. इसके अलावा विभिन्न जिलों में एनटीडी दिवस पर रैली भी निकली गयी.15 एमडीए जिलों में सिफार के तकनीकी सहयोग से गठित पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म के सदस्य भी समुदाय को अभियान के दौरान दवा सेवन करने के लिए प्रेरित करेंगे. विदित हो कि पंचायत स्तर पर चयनित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म का गठन किया गया है. सीएचओ के नेतृत्व में गठित पेशेंट स्टेकहोल्डर प्लेटफार्म में एएनएम, आशा, आशा फैसीलीटेटर, जीविका, मुखिया, वार्ड सदस्य, विकास मित्र, स्कूल के शिक्षक, फ़ाइलेरिया मरीज, ग्रामीण चिकित्सक जैसे सदस्य शामिल हैं।         पीएसपी के सदस्य लोगों को पहले से दवा सेवन के लिए जागरूक कर रहे हैं, खासकर वैसे क्षेत्र में जहाँ रिफ्युजल के मामले अधिक हैं, वहां लोगों को दवा सेवन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. अभियान के दौरान प्लेटफार्म के सदस्य लोगों को जागरूक एवं प्रेरित करने के साथ ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन टीम के साथ घरों का भ्रमण कर दवा खिलाने में भी अपना सहयोग करेंगे।

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