आम बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद परिस्थितियों को पूरी तरह नजरंदाज करता है:- उमर हयात गुड्डू

सहरसा:-केन्द्रीय बजट 2025 पर नगर निगम के उप महापौर व युवा राजद के प्रदेश महासचिव उमर हयात गुड्डू ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आम बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष मौजूद परिस्थितियों को पूरी तरह नजरंदाज करता है। बढ़ती बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, बढ़ती असमानता एवं क्षेत्रीय असमानता आदि प्रमुख सवाल हैं जिन्हें भारतीय जनता झेल रही है, लेकिन बजट इन मुद्दों का समाधान प्रस्तुत करने में असफल रहा है। अर्थव्यवस्था की हालत पहले ही बदतर है और रुपये की कीमत अप्रत्याशित निम्न स्तर तक जा चुकी है। विदेशी कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। सामाजिक क्षेत्र एवं हाशिये पर पहुंचे लोगों की उपेक्षा की गयी है और मनरेगा जैसी योजनाओं को महत्व नहीं दिया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान जैसे क्षेत्रों के लिये पर्याप्त धन आवंटन नहीं है। इसी तरह, न्यूक्लियर क्षेत्र में निजी भागीदारी एवं अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र में निजी भागीदारी अर्थव्यवस्था को बर्बाद करती रहेगी।                        बीमा क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को 100 फीसदी भागीदारी निश्चय ही जीवन बीमा और सामान्य बीमा को प्रभावित करेगी जो कि पहले से ही कठिनाइयों से जूझ रही हैं। पेंशन, सामाजिक सुरक्षा जैसे मुद्दों और किसानों द्वारा उठाये जा रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी जैसे ज्वलंत सवालों को बजट में छुआ तक नहीं गया है। यह लैंगिक समानता एवं सामाजिक न्याय जैसे सवालों का हल प्रस्तुत करने में असफल रहा है। बजट यद्यपि गरीबी को शून्य स्तर पर लाने की बात करता है लेकिन गरीबी की सीमा के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने आमजनों से आह्वान करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों और लोगों के जीवन यापन से जुड़े मुद्दों को सुलझाने में विफलता का पर्दाफाश करने को प्रतिरोध जताएं।

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