परिवीक्षाधीन आई.ए.एस. अधिकारियों का कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद

पटना:-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में सोमवार को “पूर्वी भारत में कृषि परिदृश्य से परिचय” विषय पर 2024 बैच के 18 आईएएस परिवीक्षार्थियों, जिनमें 8 महिलाएँ थीं, का शीतकालीन अध्ययन दौरा आयोजित किया गया।          इस बैठक में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें संस्थान के सभी प्रभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, प्रशासनिक अधिकारी एवं आईएआरआई पटना हब के छात्र शामिल थे। संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने देश में कृषि परिदृश्य के बारे में जानकारी दी, जिसमें उन्होंने पूर्वी भारत पर विशेष जोर दिया। आईएएस परिवीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्वी भारत में कृषि के प्रमुख मुद्दों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला और इन मुद्दों से निपटने के लिए कृषि प्रौद्योगिकियों, फसल किस्मों के विकास और हितधारकों के क्षमता निर्माण के रूप में संस्थान के योगदान की चर्चा की। उन्होंने विकसित भारत 2047 के विजन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए फ्यूचर फार्मिंग, कार्बन फार्मिंग, पारिस्थितिक खेती, प्राकृतिक खेती, स्मार्ट कृषि पद्धतियों, जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों, कृषि उद्यमिता विकास आदि पर प्रमुख ध्यान देने के साथ संस्थान का रोडमैप भी साझा किया। विशिष्ट अतिथि श्री अंजन दत्ता, निदेशक, डीआरडीए ने संस्थान के वैज्ञानिकों से क्षेत्र के कृषि विकास पर ध्यान केंद्रित करने और राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार पत्रों में हिंदी में किसानों के हित से संबंधित आलेख प्रकाशित करके अधिकतम किसानों तक पहुंचाने का आग्रह किया।           इससे पूर्व, डॉ. अभय कुमार, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. ए. उपाध्याय (प्रमुख, भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग), डॉ. संजीव कुमार (प्रमुख, फसल अनुसंधान प्रभाग), डॉ. उज्ज्वल कुमार (प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग) और डॉ. कमल शर्मा (प्रमुख, पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन प्रभाग) ने पूर्वी भारत में संबंधित विशिष्ट मुद्दों से संबंधित चल रही शोध परियोजनाओं पर चर्चा की। संवाद सत्र के दौरान, किसानों तक उन्नत किस्मों के बीज और नवीन तकनीकों के तेजी से प्रसार करने के तरीकों और संसाधनों, कृषि में सर्वोत्तम प्रबंधन पद्धतियों, कृषि में महिला किसानों के योगदान, बिहार में मछली पालन को आगे बढ़ाने में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना की भूमिका और कृषि शैक्षणिक कार्यक्रमों में समसामयिक विषयों की सीमित पहुंच के समाधान पर चर्चा हुई।           इस अवसर पर, आईएआरआई-पटना हब के छात्रों ने आईएएस परिवीक्षार्थियों के साथ शैक्षणिक गतिविधियों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जैसे विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। आईएएस परिवीक्षार्थियों ने छात्रों को करियर में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास रखने की सलाह दी। इसके उपरांत, परिवीक्षार्थियों ने प्रक्षेत्र भ्रमण किया और कृषि अनुसंधान के व्यावहारिक प्रभावों पर बातचीत की। अंत में, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. धीरज कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कार्यक्रम में योगदान देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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