अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ कर उनके परिवारों को भूखे मरने के लिए छोड़ देना न्याय संगत नहीं

कुछ स्वार्थी तत्व के लोग अपने स्वार्थ सिद्धि करने हेतु अतिक्रमण का बहाना बनाकर कार्यवाही करवाने की करते हैं बात

सहरसा:- फुटपाथ दुकानदार जो नगर निगम के क्षेत्रों में अपना रोजगार कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं कुछ दिनों से अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों को हटाने के लिए कई लोगों से आवेदन दिलवाया जा रहा है। आवेदन देने वाले लोगों को यह भी पता नहीं की फुटपाथ दुकानदारों के जीविका संरक्षण के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद 2014 में फुटपाथ जीविका संरक्षण कानून बना। समय-समय पर मॉनिटरिंग के लिए फुटपाथ दुकानदारों के लिए शहरी विकास मंत्रालय के लोकसभा स्टैंडिंग कमेटी ने जो 2021 में रिपोर्ट दिया उसमें फुटपाथ पर अपनी जीविका चलाने वाले के भयावह स्थिति का वर्णन करते हुए सरकार एवं जिला प्रशासन तथा नगर निगम, नगर परिषद को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। जिसका अनुपालन जिला प्रशासन, नगर निगम एवं नगर परिषद को करना है।अनुपालन नहीं कर अतिक्रमण के नाम पर फुटपाथ दुकानदारों को उजाड़ कर उनके परिवारों को भूखे मरने के लिए छोड़ देना निश्चय ही यह न्याय संगत नहीं है। लगातार वीर कुंवर सिंह चौक को कुछ बिचौलियों के द्वारा बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। आवेदन देने वाले को यह भी पता नहीं की वीर कुंवर सिंह चौक से लेकर रमेश झा महिला कॉलेज के बस स्टॉप तक वेंडिंग जोन का प्रस्ताव विगत वर्षों में ही भेजा जा चुका है कुछ स्वार्थी तत्व के लोग अपने स्वार्थ सिद्धि करने हेतु अतिक्रमण का बहाना बनाकर कार्यवाही करवाने की बात करते हैं। जबकि कुछ दुकानदारों को छोड़कर सभी दुकानदारों का सर्वे एवं दुकान करने का लाइसेंस प्राप्त है तो ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन एवं नगर निगम की जिम्मेवारी बनती है इनके हितों पर कुठाराघात करने वाले तत्वों की पहचान की जाए और वैसे तत्वों पर आवश्यक कार्यवाही की जाय।        शहरी विकास मंत्रालय लोकसभा स्टैंडिंग कमिटी 2021 का रिपोर्ट कहता है जिसमें पुलिस सहित पुलिस के आला अधिकारी को फुटपाथ दुकानदारों के संरक्षण हेतु कदम उठाने की भी बात की गई है। फुटपाथ दुकानदार संघ व कई फुटपाथ दुकानदारों ने बताया कि आवेदन देकर अपनी सस्ती लोकप्रियता के लिए फुटपाथ दुकानदारों के जीविका को समाप्त करने की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। मई 2022 में फुटपाथ दुकानदारों के द्वारा स्टेडियम में अनशन किया गया था जिस अनशन में समझौता हुआ था की जब तक हम दूसरी जगह आपको बसायेंगे नहीं तब तक उजाड़ने का काम नहीं होगा। फुटपाथ दुकानदारों ने जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि अनशन के समय हुए समझौते को एवं उप आजीविका संरक्षण अधिनियम 2014, पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमिटी 2001 की रिपोर्ट एवं बिहार जीविका संरक्षण अधिनियम 2017 को शक्ति से लागू किया जाए। फुटपाथ दुकानदारों ने कहा कि इस आशय का आवेदन पूर्व में भी संबंधित विभागों में दिया गया है आश्चर्य की बात है कि क्या कार्यवाही हुई है। क्या इसे ठंडे बस्ते में डालकर फुटपाथ दुकानदारों के हितों पर बुलडोजर चलाने के लिए नगर निगम तैयार बैठा है। जिसका पुटपाथ दुकानदार संघ एवं फुटपाथ दुकानदार पुरजोर विरोध करती है और इस मामले को सड़क पर एवं न्यायालय में भी ले जाने में कतई नहीं हिचकेगी।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com