कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में रजत जयंती स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ

किसान मेला और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भव्य आयोजन

पटना:-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में गुरुवार को “उन्नत कृषि विकसित भारत पूर्वी भारत की तैयारी” थीम के तहत रजत जयंती स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ हुआ।          कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. संजीव चौरेसिया, माननीय विधायक, दीघा विधानसभा ने किसान मेले का उद्घाटन किया, जिसमें किसान मेला-सह-प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डॉ. संजीव कुमार, कुलसचिव, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय; डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, अटारी; डॉ. विकाश दास, निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर और प्रदीप कुमार, उप निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और आईसीएआर गीत से हुई, जिसके बाद आईएआरआई पटना हब के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। किसान मेले में बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और असम से 653 किसानों सहित 100 से अधिक वैज्ञानिकों, प्रशासनिक एवं तकनीकी कर्मियों, उद्यमियों, राज्य सरकार और निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मौके पर संस्थान ने तीन महत्वपूर्ण प्रकाशनों “केंद्रीय योजनाओं द्वारा कृषक-सशक्तिकरण”, “संस्थान का न्यूज लेटर ” और “कृषि ड्रोन” का विमोचन किया । साथ ही, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और असम के 18 प्रगतिशील किसानों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. संजीव चौरेसिया ने संस्थान के 25 वर्षों की सफलता पर बधाई दी और कहा कि किसान भी वैज्ञानिक हो सकते हैं और अपने अनुभवों के आधार पर नवीनतम तकनीकों का सृजन करने में सक्षम हैं। उन्होंने जैविक खेती, पोषण प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए किसानों से टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने का आह्वान किया।         उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चिंता जताई और संस्थान द्वारा विकसित समेकित कृषि प्रणाली मॉडल, ड्रोन प्रौद्योगिकी और जलवायु अनुकूल योजनाओं जैसे प्रयास (PRAYAS) और धान-परती भूमि प्रबंधन जैसे पहलों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और संस्थान से जुड़े रहने की सलाह दी। संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने पिछले 25 वर्षों में संस्थान की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संस्थान ने लघु और सीमांत किसानों के लिए समेकित कृषि प्रणाली मॉडल, संसाधन संरक्षण तकनीकें, 12 जलवायु अनुकूल धान की किस्में, 1 चना किस्म, 63 उच्च उपज वाली पोषणयुक्त सब्जी की किस्में और 6 उच्च उपज वाले फल विकसित किए हैं, जो किसानों के बीच में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने किसान उत्पादक संगठन आधारित वितरण मॉडल, देसी पशु नस्लों का लक्षण वर्णन एवं पंजीकरण, और मत्स्य पालन में उन्नत तकनीकी का उल्लेख किया। जलवायु परिवर्तन के परिदृश्य में उन्होंने जल के बहु आयामी उपयोग मॉडल, एग्रीवोल्टाइक सिस्टम और फ्यूचर फार्मिंग मॉडल आदि के उपयोग पर बल दिया।          डॉ. संजीव कुमार, कुलसचिव, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पशुपालन को जोड़कर ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। उन्होंने आयोजित किसान मेले को नई तकनीकों को सीखने के लिए प्रभावी मंच बताया। डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, अटारी कोलकाता ने महिला कृषि उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक महिला किसान को शिक्षित करने का अर्थ पूरे परिवार को शिक्षित करना है।उन्होंने आईएआरआई हब के शैक्षणिक कार्यक्रमों को कृषि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। डॉ. विकास दास, निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने लीची मूल्य श्रृंखला में उद्यमिता विकास की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए बताया कि बिहार में लीची की खेती के लिए लगभग 6 लाख हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है, जिसका समुचित उपयोग कर किसान अपनी आय ज्यादा बढ़ा सकते हैं। प्रदीप कुमार, उप निदेशक, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने पॉलीहाउस और हाई-टेक नर्सरी की उच्च लागत पर चिंता जताते हुए किसानों से एनएचबी की सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया और कहा कि सरकारी अनुदानों का लाभ उठाकर किसान मशरूम उत्पादन और हाई-टेक नर्सरी इकाइयां स्थापित करके अपनी उत्पादकता और लाभ को और बढ़ा सकते हैं।
डॉ. उज्जवल कुमार (प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार एवं आयोजन सचिव) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com