बिहार में मातृ स्वास्थ्य में सुधार की ओर कदम, ‘होम डिलीवरी मुक्त पंचायत’ पहल असरदार

पटना:-बिहार में मातृ स्वास्थ्य को लेकर व्यापक सुधार देखने को मिल रहे हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और सामुदायिक प्रयासों के कारण संस्थागत प्रसव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में संस्थागत प्रसव की दर 76.2% तक पहुंच गई है, जबकि 2015-16 में यह मात्र 63.8% थी। इस वृद्धि का मुख्य कारण स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि और जागरूकता अभियानों को माना जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई “होम डिलीवरी मुक्त पंचायत” पहल ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है। इस पहल के तहत आशा कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से हर गर्भवती महिला को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।                                    इस पहल के तहत राज्य के 23 प्रखंडों में 40 प्रतिशत से ज्यादा घरेलू प्रसव होते हैं. जिसमें सुधार के लिए नियमित तौर पर प्रयास जारी है.इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं के समय पर एएनसी (एंटी-नेटल केयर) जांच कराने की दर भी बढ़ी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -5 के अनुसार, चार एएनसी जांच कराने वाली महिलाओं की संख्या 14.4% से बढ़कर 25.2 % हो गई है, जो मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार का संकेत है। मातृ मृत्यु दर में भी 12 पॉइंट्स की गिरावट दर्ज की गई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम 2018-20 के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में मातृ मृत्यु दर 118 है, जबकि 2017-19 में यह 130 थी. वहीं, इस गिरावट में संस्थागत प्रसव में वृद्धि, प्रसवपूर्व देखभाल सेवाओं की सुलभता, जननी सुरक्षा योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन और आशा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका अहम रही है। इसके अलावा, एचडब्लूसी के विस्तार और उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं विशेष देखभाल ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस सुधार को और गति देने के लिए राज्य स्तर पर मेटरनल डेथ सर्विलांस को सुदृढ़ किया जा रहा है, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य संस्थानों की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, मातृ स्वास्थ्य, डॉ. सरिता ने कहा कि हमारा लक्ष्य बिहार को सुरक्षित मातृत्व की दिशा में अग्रसर करना है। ‘होम डिलीवरी मुक्त पंचायत’ पहल के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं और संस्थागत प्रसव बढ़ने से जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है। आने वाले वर्षों में मातृ मृत्यु दर को और कम करने की दिशा में हम लगातार प्रयासरत हैं। आने वाले वर्षों में बिहार सरकार मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त करने की योजना बना रही है। ‘होम डिलीवरी मुक्त पंचायत’ पहल को मजबूत करने के साथ, स्वास्थ्य निगरानी को और मजबूत किया जा रहा है। इन प्रयासों से बिहार को सुरक्षित मातृत्व के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित करने की दिशा में मदद मिलेगी, जिससे आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य मिल सकेगा।

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