परिवार नियोजन पखवाड़ा में लक्ष्य को हासिल करने पर दिया जा रहा बल:-एसीएमओ

सासाराम:- जनसंख्या स्थितिकरण को लेकर सरकार प्रत्येक वर्ष परिवार नियोजन का पखवाड़ा आयोजित करती है, जिसमें स्थाई परिवार नियोजन के साथ अस्थाई परिवार नियोजन को अपनाने पर बल दिया जाता है। इसी के तहत एक बार फिर परिवार नियोजन पखवाड़ा की शुरुआत कर दी गई है। इसके तहत रोहतास जिले में पुरुष नसबंदी के साथ-साथ महिला बंध्याकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। परिवार निगम पखवाड़ा की शुरुआत 10 मार्च को किया गया था। इस दौरान पहले दंपति संपर्क अभियान चलाया गया जिसमें आशा कर्मियों द्वारा योग्य दंपतियों से मुलाकात कर परिवार नियोजन के बारे में जानकारी दिया गया जिसमें पहले बच्चे के जन्म के बाद दूसरे बच्चे के जन्म के बीच की अंतराल के साथ अस्थाई परिवार नियोजन की विभिन्न साधनों की जानकारी दिया गया और इसके फायदे भी बताए गए। वही 17 मार्च से परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा की शुरुआत की गई जिसमें पुरुष नसबंदी के साथ महिला बंध्याकरण की प्रकिया शुरू की गई है। विभाग से मिली जानकारी देते हुए कहा जानकारी के अनुसार परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के तहत पिछले दो दिनों में लगभग 60 महिलाओं का बांधकरण किया गया जबकि आधा दर्जन के आस पास पुरुष नसबंदी किया गया। 1840 महिला बंध्याकरण व 150 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य:-डीपीसी संजीव मधुकर ने बताया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा को लेकर जिले को 1840 महिला बंध्याकरण एवं 150 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुसार जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थाई परिवार नियोजन की प्रकिया शुरू है। पुरुष नसबंदी को बढ़ाव देने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जिले में पुरुष नसबंदी के आंकड़ों के बेहतर किया जा सके।          छोटा परिवार सुखी परिवार:-परिवार नियोजन पखवाड़ा के नोडल अधिकारी डॉ अशोक कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की छोटा परिवार सुखी परिवार का संदेश लोगों तक पहुंचा कर अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पखवाड़ा में पुरुष नसबंदी पर बल दिया जाता है जिसका परिणाम है कि जिम में पुरुष नसबंदी के आंकड़ों के वृद्धि हुई है और लोगों में जागरूकता आई है। डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कैसी रहेगी कि निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जाए। इसके लिए परिवार नियोजन से जुड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों को दिशा निर्देश दिए गए है। साथ ही बंध्याकरण एवं नसबंदी के लिए लगातार लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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