बरनार जलाशय परियोजना का काम शीघ्र होगा चालू, उप मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर लिया जायजा

डेस्क:-बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा समेत कई उच्च पदस्थों ने हवाई सर्वेक्षण कर बहुप्रतीक्षित बरनार जलाशय योजना का जायजा लिया।           तमाम ओहदेदारों ने हवाई सर्वेक्षण के बाद मुंगेर जिले के खड़गपुर स्थित शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्रशाल में उच्च स्तरीय बैठक कर बरनार जलाशय योजना समेत कई स्वीकृत योजनाओं की समीक्षा की और शीघ्र अग्रेत्तर कार्रवाई किए जाने का ऐलान किया। जमुई डीएम अभिलाषा शर्मा, मुंगेर डीएम अवनीश कुमार सिंह, बांका डीएम अंशुल कुमार, भागलपुर डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी समेत कई उच्च पदस्थ बैठक में उपस्थित थे। अंकित करने वाली बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते माह प्रगति यात्रा के क्रम में बरनार जलाशय योजना को स्वीकृति दिए जाने की बात कही थी। बाद में बिहार मंत्रिमंडल ने इस बहुप्रतीक्षित योजना की स्वीकृति देते हुए प्राक्कलित राशि पर भी मुहर लगाई। अब उप मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री, मुख्य सचिव समेत अन्य ओहदेदार बरनार जलाशय योजना को धरा पर उतारने के लिए गतिशील दिख रहे हैं।        सम्राट चौधरी ने शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय खड़गपुर के प्रशाल में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बहुप्रतिक्षित बरनार जलाशय परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। बिहार कैबिनेट ने भी बैठक में इस पर मुहर लगा दी है। इस परियोजना को 2579.3785 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किया जाएगा। बरनार जलाशय परियोजना के पूर्ण होने से सोनो, झाझा, खैरा और गिद्धौर प्रखंड की लगभग 22226 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। इससे क्षेत्र में एक नई कृषि क्रांति का आगाज होगा। साथ ही इससे जुड़े क्षेत्र के भूजल स्तर में भी सुधार आएगा। उप मुख्यमंत्री ने इस बहुद्देशीय योजना का कार्य शीघ्र आरंभ किए जाने की दिशा में अग्रेत्तर कार्रवाई किए जाने का ऐलान किया। बैठक के दरम्यान बरनार जलाशय योजना का पीपीटी के जरिए प्रेजेंटेशन किया गया। मुख्य सचिव ने इस दरम्यान जमुई जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि भूमि अपयोजन का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें ताकि वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को इसे शीघ्र स्थानांतरित किया जा सके। उन्होंने जमुई डीएम को वर्तमान परिप्रेक्ष में डूब क्षेत्र का आकलन किए जाने का भी निर्देश देते हुए कहा कि पूर्व में जलाशय की ऊंचाई 74 मीटर तय की गई थी।                           वर्तमान समय में इसमें वृद्धि या कमी लाने को लेकर भी विचार किया जाना वांछित है। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन की दिशा में अग्रेत्तर कार्रवाई किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि वे इसके प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने बैठक में वांछित प्रतिवेदन प्रस्तुत कर देय निर्देशों को आत्मसात किया और उसे धरा पर उतारे जाने का संकल्प लिया।

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