झाड़फुंक और अंधविश्वास ने ली 7 वर्षीय बच्ची की जान

– होली से पूर्व पागल कुत्ता ने काटा था
– टेटनस की सुई के बाद झाड़ फूंक कर कराया गया था इलाज
– अब रविवार को लगी बुखार, सोमवार को हुई मौत
– रेबीज का दिखा असर

सहरसा:-एक तरफ हम चांद पर जमीन खरीद कर कॉलोनी बनाने की बात कर रहे हैं। मंगल ग्रह पर भी जीवन तलाश रहे हैं। दूसरी तरफ ग्रामीण इलाके के लोग अभी भी पौराणिक जीवन जी रहे हैं। वे शहरी सुईधागे की इलाज के बदले झाड़ू और फूंक से होने वाले शतिया इलाज पर पूरा विश्वास रखते हैं। हालांकि उसमें लगातार उनकी मौत भी होती रहती है। कभी कभार ही सफलता मिलती रही है। लेकिन उनका विश्वास फिर भी हिलता नहीं दिखता है। कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला सोमवार की देर शाम सदर अस्पताल परिसर में ! जहां खगड़िया जिले के सिंगर साम गांव निवासी इंदल चौधरी के 7 वर्षीय पुत्री की मौत पर परिजन रो रहे थे। थी।
क्या थी घटना:-होली से पूर्व बच्ची को पागल कुत्ते ने काट लिया था। परिजनों के द्वारा बच्ची की झाड़ फूंक करवाई गई और टिटनेस की सुई दिलवा कर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद बच्ची को बुखार लगी थी। तब बुखार दवा खिलाने से ही खत्म हो गई थी। फिर उसके बाद परिजन भूल गए।        फिर अचानक रविवार को बच्ची को बुखार आया। बुखार लाइलाज था। जिसके बाद उसे सलखुआ पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत ठीक नहीं हुई। जहां से उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। 3 साल पूर्व मां की हुए थी मौत:-तीन साल पूर्व मृत शिवानी के मां की भी मौत हो गई थी। उसके पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं। वे अपने छोटे भाई के साथ ननिहाल में रहती थी। बच्ची की मौत के बाद परिजन विलाप कर रहे थे। वही एक दूसरे को कोश रहे थे। बच्ची की मौत का जिम्मेदार एक दूसरे को बता रहे थे। क्या बताया परिजन:-मृतक की मौसी सोनाली देवी ने बताया कि होली के पूर्व पागल कुत्ता काटा था। तभी भी झाड़ फूंक की गई थी। टिटनेस की सुई दी गई थी। कुत्ते काटने की सुई नहीं दिलाई गई थी। बुखार हुआ था। तो दवा खिला दी गई थी। बच्ची ठीक हो गई थी। लेकिन रविवार को जब बुखार हुआ तो वह ला इलाज था। दवा से भी न थमा। झाड़ फूंक से भी न रुका। तब उसे सलखुआ पीएचसी लाया गया। वहां से सदर अस्पताल। जहां उसकी मौत हो गई है। सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि रेबीज का असर बच्ची पर था। जिसके कारण भी मौत हो सकती है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com