बच्चों के साथ साथ गर्भवती महिलाओं को पोषित करने के लिए पोषण पखवाड़ा शुरू

रोहतास:- बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रत्येक माह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्य किया जाता है। जिसमें गर्भवती महिलाओं के साथ धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार के इस्तेमाल पर बल दिया जाता है। इसी को लेकर रोहतास जिले में 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा।          पोषण पखवाड़ा को सफल बनाने को लेकर बुधवार को पिरामल स्वास्थ्य द्वारा तिलौथू प्रखंड में आंगनवाड़ी सेविकाओं का उन्मुखीकरण किया गया। पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर अर्जुन गोस्वामी एवं आईसीडीएस की पर्यवेक्षिका कंचन कुमारी द्वारा सभी सेविकाओं का उनमुखीकरण किया गया। इस दौरान पर्यवेक्षिका कंचन कुमारी ने कहा कि पोषण पखवाड़ा के तहत कई गतिविधियां कराई जाती है और इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के साथ-साथ गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। साथ ही मेला का भी आयोजन किया जाता है। उन्होंने सभी सेविकाओं को इस पखवाड़ा के तहत विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दिया और उसे बेहतर तरीके से पूर्ण करने पर बल दिया। पौष्टिक आहार की जानकारी देना जरूरी:-वही पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर अर्जुन गोस्वामी ने वहां मौजूद सेविकाओं को बताया कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि बच्चे के जन्म से पहले ही गर्भवती महिलाओं को बेहतर पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए सरकार प्रतिवर्ष पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित करती है। उन्होंने बताया कि इस पोषण पखवाड़ा के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली पौष्टिक आहारों के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। यदि आप गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित करती रहेंगी तो प्रसव के दौरान किसी भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी, एनीमिया की समस्या दूर होगी, साथ ही साथ बच्चों में कुपोषण की समस्या में भी कमी आएगी।        कौन-कौन सी होंगी गतिविधियां:-पोषण पखवाड़ा को लेकर आईसीडीएस निदेशालय से सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस) को पत्र निर्गत किया हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की जानकारी दी गई है, जिसमें जीवन के प्रथम 1000 दिनों पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण ट्रैकर पर स्वपंजीकरण हेतु मॉड्यूल का प्रचार प्रचार करना, सी सैम मॉड्यूल के कार्यान्वयन के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन, बच्चों में मोटापे से निपटने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने हेतु प्रचार प्रसार करना, मिशन लाइफ (विश्व पर्यावरण दिवस 2025) सहित नियमित गतिविधियां शामिल किया गया है।

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