शिव का अर्थ ही होता है कल्याण आचार्य:- डॉ. नवनीत

सहरसा:-स्थानीय तिवारी टोला स्थित समाजसेवी कुमार अमरज्योति के आवास पर चल रहे श्री राम कथा के
दूसरे दिन कथा व्यास ने भगवान शिव-पार्वती के विवाह का मनोहारी वर्णन किया।        कथा में डॉ. नवनीत जी महाराज ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि पर्वतराज हिमालय की घोर तपस्या के बाद माता जगदंबा प्रकट हुईं और उन्हें बेटी के रूप में उनके घर में अवतरित होने का वरदान दिया। इसके बाद माता पार्वती हिमालय के घर अवतरित हुईं। बेटी के बड़ी होने पर पर्वतराज को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। माता पार्वती बचपन से ही बाबा भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं।         एक दिन पर्वतराज के घर महर्षि नारद पधारे और उन्होंने भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती के विवाह का संयोग बताया। नदी पर सवार भोलेनाथ जब भूत-पिशाचों के साथ बारात लेकर पहुंचे तो उसे देखकर पर्वतराज और उनके परिजन चौंक गए, लेकिन माता पार्वती ने खुशी से भोलेनाथ को पति के रूप में स्वीकार कर लिया।            विवाह प्रसंग के दौरान श्रद्धालुओं ने पुष्प बरसाए। यज्ञ के आचार्य रंजीत खां संगीत के माध्यम से भक्तों को भगवान की कथा में जोड़ने वाले धनंजय व्यास जी, प्रवेश शर्मा, मुनचुन झा, मुख्य यजमान शकूंतला देवी एवं जवाहर चौधरी जी बने हैं। मौके पर मदन चौधरी, सुरेन्द्र झा, नन्हे सिंह, शिंकू आनंद, प्रशांत सिंह, रंजीत झा, सुरेश्वर पौद्दार, विनय सिंह, रिति जायसवाल, सोनी जायसवाल, रेणु पांडेय, वैष्णवी जायसवाल सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।

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