डॉ. भीमराव अंबेडकर के जयंती पर महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित

सहरसा:-बनवारी शंकर महाविद्यालय सिमराहा में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के सचिव प्रो. कमलेश्वरी प्रसाद यादव की अध्यक्षता एवं प्राचार्य डॉ. योगेन्द्र कुमार के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में उनके विद्वता, समानता के खिलाफ आंदोलन और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने पर चर्चा की गई।         इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधान परिषद के जनसंपर्क पदाधिकारी अजीत रंजन ने कहा कि मैं 2008 से ही इस महाविद्यालय जूड़ा हुआ हूं। महाविद्यालय ने डॉ. अंबेडकर को याद करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जो सराहनीय है। हमारी अपेक्षा है कि आप समाज को जागृत करने का काम करें, जिस तरह डॉ. अंबेडकर ने बुराइयों के खिलाफ संघर्ष किया। वे दलितों के उत्थान के लिए संघर्ष करते रहे। पूर्व विधायक सह इंटर संकाय के अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि जिस तरह से मनुष्य स्मृति से देश चल रहा था उसमें शिक्षा ग्रहण करना संभव नहीं था। आज अंबेडकर नहीं होते तो मुखिया, सरपंच और कलेक्टर लोग नहीं बन पाते। अंबेडकर ने पूजा का अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। भारत का संविधान उन्होंने ही बनाया। आने वाला चुनाव निश्चित ही संविधान के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। विशिष्ट अतिथि डॉ. योगेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अंबेडकर जी ने महिला और किसानों को अधिकार दिलाने का काम किया। वर्तमान सरकार की धर्म की आड़ में संविधान को कुचलना चाहती है। राजद शिक्षक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अछूत होने के कारण उन्हें बचपन में पढ़ने नहीं दिया गया। विषय प्रवेश कराते हुए भूगोल विभाग की शिक्षक डॉ. दीपक कुमार सिंह ने कहा कि अंबेडकर जी कई भाषाओं के जानकार थे। उनके प्रयास और संघर्ष को जानने के लिए उनकी पुस्तक पढ़नी चाहिए। हिंदी के शिक्षक डॉ. अरविंद कुमार झा ने कहा कि उनका जन्म अंबावडे गांव में हुआ। उनके पिता राम जी सतपाल सेना में सूबेदार थे। उन्होंने एलफिस्टन स्कूल से मैट्रिक और बड़ौदा महाराज की सहायता से विदेश से उच्च शिक्षा प्राप्त किया। बड़ौदा में मिलिट्री सेक्रेटरी और मुंबई में लॉ कॉलेज के प्राचार्य बने । उनकी विद्वता को देखते उन्हें संविधान मसौदा कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। जो संविधान आज पथ प्रदर्शक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते प्रो. कमलेश्वरी प्रसाद यादव ने महाविद्यालय के संस्थापक को याद करते कहा कि उन्होंने भी अंबेडकर की तरह संघर्ष किया और इस संस्थान का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी को वर्षों बाद भारत रत्न दिया गया । ऐसे महापुरुष को तो विश्व रतन पुरस्कार मिलना चाहिए। राजद नेत्री प्रो. गीता यादव ने डॉ. अंबेडकर के विचारों को गांव गांव तक पहुंचाने का आग्रह किया।          इस कार्यक्रम में प्रो. जयप्रकाश झा, प्रो. शिवनारायण यादव, प्रो. अहमद हुसैन, प्रो. योगेंद्र कुमार, प्रो. दीपक कुमार, प्रो. भारती झा, प्रो. शिवनारायण यादव, प्रो. रमेश कुमार, प्रो. सत्यनारायण कुमार, प्रो. मनोज कुमार झा, बबलू कुमार, मुकेश कुमार सिन्हा सहित महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मी मौजूद रहे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com