विश्व हीमोफिलिया दिवस पर विशेष: “एक्सेस फॉर आल: वीमेन एंड गर्ल्स ब्लीड टू” है इस वर्ष की थीम

पटना:- विश्व में सबसे ज्यादा हीमोफिलिया के मरीज भारत में हैं. रक्त जनित रोगों से ग्रसित ज्यादातर व्यक्तियों को इनके लक्षणों का पता नहीं होता है और मरीजों को पता भी नहीं होता की वे हीमोफिलिया जैसी गंभीर बिमारियों से ग्रसित हैं. ये यह रोग ज्यादातर अनुवांशिक होता है और गर्भधारण के पहले वैसे माता पिता जिनके परिवार में हिमोफिलिया के मरीज हैं गर्भधारण के पहले अपने संपूर्ण ब्लड प्रोफाइल कराना चाहिए को अपना संपूर्ण ब्लड प्रोफाइल करवाना चाहिए जिससे किसी भी तरह की जटिलताओं का पता चल सके. यह रोग ज्यादातर पुरुषों में होता है लेकिन बिहार में 30 महिलाएं भी इससे ग्रसित हैं. हीमोफिलिया के बारे में जागरूकता लाने के लिए “एक्सेस फॉर आल: वीमेन एंड गर्ल्स ब्लीड टू” को इस वर्ष थीम के रूप में चुना गया है. राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, रक्त केंद्र, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, डॉ. एन. के. गुप्ता ने कहा कि अभी तक राज्य में अभी तक हीमोफिलिया के लगभग 2000 मरीज चिन्हित किये गए हैं और जिनका विभिन्न चिकित्सीय संस्थानों में उपचार किया जा रहा है।           काउंसीलिंग जरुरी:-डॉ. गुप्ता ने कहा कि शादी एवं गर्भधारण के पहले से पहले-लड़का लड़की जिनके परिवार में हीमोफिलिया के मरीज हैं, उनकी काउंसीलिंग जरुर की जानी चाहिए. इससे जोड़ों को हिमोफिलिया को समझने में मदद मिलती है. यह अनुवांशिक रोग है और अनुवांशिक परामर्श जोड़ों और व्यक्तियों को इसके जोखिम और उपचार के बारे में जानकारी प्रदान करने में मदद करती है.क्या है हीमोफिलिया:-सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी ) की रिपोर्ट के अनुसार हीमोफिलिया एक वंशानुगत रक्तस्राव की बीमारी है जिसमे रक्त सही तरीके से क्लॉट नहीं होता है. इससे ग्रसित व्यक्ति के शरीर के किसी भी अंग से अचानक रक्तस्राव शुरू हो जाता है अथवा चोट, खरोंच आदि की स्थिति में रक्तस्राव बंद नहीं होता है. इस रोग में जोड़ों के बीच अंदरूनी रक्तस्राव होता है जिससे अत्यधिक पीड़ा एवं जोड़ संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं. इससे मष्तिष्क में रक्तस्राव शुरू हो सकता है और ग्रसित व्यक्ति को लकवा और मष्तिष्क संबंधी अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं.यह हैं हीमोफिलिया के लक्षण:-इस रोग में हल्की खरोंच पर रक्तस्राव, जोड़ों में सुजन अथवा पीड़ा होना, मसूड़ों से खून आना, खांसने अथवा उल्टी में खून आना, शरीर पर काले धब्बे पड़ना, लाल अथवा काला शौच होना, काटने अथवा छिलने पर अधिक समय तक रक्तस्राव आदि हैं.हीमोफिलिया के मरीजों के विशेष इलाज के लिए राज्य में पटना स्थित न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के साथ थैलेसीमिया, हिमोफिलिया डे केयर सेंटर पीएमसीएच, पटना, श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, मुजफ्फरपुर, जवाहर लाल नेहरु चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, भागलपुर, अनुग्रह नारायण चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, गया, एम्स, पटना एवं राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पुर्णिया में क्रियाशील है जहाँ हीमोफिलिया के मरीजों के लिए उपचार उपलब्ध है. साथ ही राज्य के सभी जिला अस्पतालों में भी हीमोफिलिया के मरीजों के विशेष इलाज उपलब्ध है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now
अब पायें अपने शहर के सभी सर्विस प्रवाइडर के नंबर की जानकारी एक क्लिक पर


               
हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
डाउनलोड करें

जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Mytesta.com