फाइलेरिया से बचाव के लिए सार्थक सिद्ध होगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम:-डीएम

जमुई:-जिला कलेक्टर राकेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का शुभारंभ शनिवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित संवाद कक्ष में किया। इस मौके पर डीएम ने कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है।          इससे बचाव के लिए प्रत्येक पात्र व्यक्ति को एमडीए दवा का सेवन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया से बचाव ही इसका उपचार है। जागरूकता और सावधानी से ही आमजन इस बीमारी से दूर रह सकते हैं। फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए दवा सार्थक सिद्ध होगा। डीएम ने कहा कि घर के सभी सदस्यों को उनके उम्र के अनुसार गोलियां दी जाएंगी और सभी लोगों को अपने सामने ही दवा खिलाना होगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं, दो साल से कम उम्र के बच्चों और किसी गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलानी है। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को डीईसी एक और अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है।           पांच से 15 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो और अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। वहीं 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन व अल्बेंडाजोल की एक गोली देनी है। उन्होंने कहा कि अल्बेंडाजोल की गोली हमेशा चबा कर खाएं। खाली पेट में इस गोली को नहीं खाना है। सिविल सर्जन डॉ. कुमार महेंद्र प्रताप ने कहा कि इस अभियान के दौरान पूरे जिले में 1067 टीम करीब 21 लाख लोगों को एमडीए की दवा खिलाएंगे। निगरानी के लिए 103 सुपरवाइजरों को तैनात किया गया है।          उन्होंने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. डी. के. धुसिया ने बताया कि इस अभियान के दौरान इस बार विभाग की ओर से विशेष पहल की गई है। इस बार जेल में बंद कैदियों और महिला अल्पावास गृह में निवासित नारियों को भी दवा खिलायी जायेगी।        इसको लेकर माइक्रो प्लान तैयार किया गया है। उन्होंने सुपात्र जनों से दवा खाने की अपील की। अधीक्षक डॉ. सैय्यद नौशाद अहमद ने बताया कि गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी। उन्होंने अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने की बात कही। डॉ.अरविंद कुमार, डीपीएम पवन कुमार समेत कई चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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