हीमोग्लोबिन का स्तर 7 से कम होते ही विशेष निगरानी में रहेंगी गर्भवती

पटना:-राज्य में मातृ मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की है। अब राज्य में वैसी गर्भवती जिनका हीमोग्लोबिन लेवल 7 से कम है, उन पर आशा एवं एएनएम द्वारा विशेष निगरानी रखी जाएगी। ऐसी गर्भवती महिलाओं को सीवियर एनीमिया के केस में भी लिस्ट किया जाएगा। विभाग के इस पहल से न सिर्फ उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों का बेहतर प्रबंधन हो पाएगा बल्कि उन्हें उचित आयरन फॉलिक एसिड की दवाएं देकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को संपुष्ट भी किया जा सकेगा। इस संबंध में पटना एम्स की एडिशनल प्रोफेसर डॉ इंदिरा प्रसाद कहती हैं कि गर्भवतियों में एनीमिया का होना उनके प्रसव के खतरों को बढ़ा देता है। इसके लिए जरूरी है कि उनके हीमोग्लोबिन लेवल की जांच हो और उसके अनुसार आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां उन्हें दी जाए। हीमोग्लोबिन में 7 जैसी स्थिति काफी गर्भवतियों में काफी गंभीर स्थिति को दिखाती हैं। इस संबंध में आशा कार्यकर्ता पूर्णिया के एचएससी गोकुलपुर की मीनाक्षी कुमारी कहती हैं कि गर्भवतियों की पहचान कर उन्हें एएनसी का लाभ दिलाना हमारी प्राथमिकताओं में है।           हीमाग्लोबीन के कम स्तर पर या किसी अन्य फैक्टर जिससे उच्च जोखिम वाले प्रसव का खतरा हो उन्हें विशेष निगरानी के लिए उच्चतर स्तर तक भेजा जाता है। बढ़ेगी एएनसी की गुणवत्ता और कवरेज:-राज्य में गर्भवतियों में एनीमिया से होने वाली की चुनौतियों के मद्देनजर उनकी एएनसी की गुणवत्ता और उसके प्रतिशत को बढ़ाया जाएगा। एनीमिया के केस चिन्हित होने पर आयरन फोलिक एसिड गोली एवं आवश्यकतानुसार आयरन सुक्रोज इंजेक्शन लगाया जाएगा, ताकि पोस्ट पार्टम हेमरेज (पीपीएच) में किसी प्रकार की समस्या न हो। इसके लिए आशा एवं एएनएम को सेंसेटाइज भी किया जाएगा। इससे एएनसी के कवरेज में तेजी आएगी। मालूम हो कि राज्य में अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक 96 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं ने एएनएसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं 85 प्रतिशत गर्भवतियों ने अपने पूरे 4 एएनसी टेस्ट कराए हैं। वर्ष 2023—24 में कुल 3 लाख 27 हजार 255 गर्भवती महिलाओं को 180 आयरन फोलिक एसिड की गोली भी प्रदान की गयी। आईएफए गोली देने में पूर्णिया सबसे आगे:-एनीमिया मुक्त भारत पोर्टल के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में राज्य में लगभग 96.8 प्रतिशत गर्भवतियों को 180 आयरन फोलिक एसिड की गोली दी गयी। जिला स्तर पर सबसे ज्यादा पूर्णिया, किशनगंज और गोपालगंज राज्य में आइएफए की टेबलेट देने में अव्वल हैं। इस संबंध में पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कन्नौजिया कहते हैं कि आइएफए टैबलेट के लिए हमारे जिले में पूरा सप्लाई चेन बना है। लक्ष्य तक हमारी पहुंच को आसान बनाने में हमारे फ्रंटलाइन वर्कर ने भी अहम भूमिका निभायी है। गर्भवतियों तक आइएफए की गोली पहुंचे इसके लिए हमने गैप असेसमेंट कर कमियों को भी पूरा किया है। इसका नतीजा है कि हम पूरे राज्य में जनवरी 25 में गर्भवतियों को आइएफए टेबलेट देने में अव्वल रहे। पूर्णिया ने 118 प्रतिशत, किशनगंज ने 112 और गोपालगंज ने 111 प्रतिशत गर्भवतियों को आइएफए टैबलेट प्रदान किए हैं।

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